Thursday 21st of November 2024 12:42:54 PM
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चीन के साइबर अपराधी भारत में एक्टिव: एक गलती और पूरा खाता साफ

चीन के साइबर अपराधियों का भारत में नेटवर्क

चीन के साइबर अपराधियों का नेटवर्क भारत में तेजी से फैलता जा रहा है। इन अपराधियों ने अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए एक सुनियोजित रणनीति अपनाई है, जिससे वे आसानी से भारतीय नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। इस नेटवर्क के पीछे एक संगठित गिरोह काम करता है, जिसमें कई एजेंट शामिल होते हैं जो विभिन्न तरीकों से ठगी की घटनाओं को अंजाम देते हैं।

इन अपराधियों की कार्यप्रणाली बेहद जटिल और आधुनिक होती है। वे नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके अपने साइबर हमलों को अंजाम देते हैं। इनमें सोशल इंजीनियरिंग, फिशिंग, मॉलवेयर और रैनसमवेयर जैसे तकनीकों का उपयोग प्रमुखता से होता है। सोशल इंजीनियरिंग के माध्यम से ये अपराधी लोगों की निजी जानकारी प्राप्त करते हैं और फिर उसका दुरुपयोग करते हैं। फिशिंग के जरिए वे नकली वेबसाइट्स और ईमेल्स के माध्यम से लोगों को धोखा देते हैं, जिससे वे अपनी बैंकिंग डिटेल्स और अन्य संवेदनशील जानकारी साझा कर बैठते हैं।

फिशिंग के अलावा, मॉलवेयर और रैनसमवेयर जैसे खतरनाक सॉफ़्टवेयर का उपयोग भी किया जाता है। मॉलवेयर से ये अपराधी कंप्यूटर सिस्टम्स को संक्रमित कर देते हैं और फिर उसमें से महत्वपूर्ण डेटा चुरा लेते हैं। रैनसमवेयर के माध्यम से वे सिस्टम को लॉक कर देते हैं और फिरौती की मांग करते हैं। ये सभी तरीके बेहद प्रभावी होते हैं और लोगों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाते हैं।

चीन के साइबर अपराधी भारतीयों को खास तौर पर उन मामलों में निशाना बनाते हैं जहां वित्तीय लेन-देन की संभावना अधिक हो। इसके लिए वे सोशल मीडिया, ईमेल और अन्य डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते हैं। ये अपराधी संगठित ढंग से काम करते हैं और अपनी पहचान छिपाने के लिए विभिन्न तकनीकों का सहारा लेते हैं। इस तरह से वे भारतीय नागरिकों को बड़ी आसानी से ठग लेते हैं और उनके बैंक खातों को साफ कर देते हैं।

एजेंटों का लालच और निवेश के जाल

चीन के साइबर अपराधियों द्वारा भारत में सक्रिय एजेंटों का उपयोग करना एक आम रणनीति है। ये एजेंट लोगों को 10 गुना रिटर्न का लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं। वे निवेशकों को बड़ी रकम कमाने का सपना दिखाते हैं और उनके मनोविज्ञान को समझते हुए उन्हें अपने चक्रव्यूह में खींचते हैं। इस प्रक्रिया में, एजेंट विभिन्न प्रकार के ऐप्स और प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं, जो देखने में बिल्कुल वास्तविक और भरोसेमंद लगते हैं।

इन ऐप्स में निवेश कराने का सबसे बड़ा आकर्षण यह होता है कि वे हमेशा लाभ ही दिखाते हैं। शुरूआती दिनों में निवेशकों को छोटे-छोटे लाभ दिखाए जाते हैं, जिससे उनका विश्वास बढ़ता है और वे और अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित होते हैं। इन ऐप्स को इस प्रकार से डिजाइन किया जाता है कि वे निवेशकों को एक स्थायी लाभ का भ्रम देते हैं।

साइबर अपराधी इन ऐप्स के माध्यम से निवेशकों की व्यक्तिगत जानकारी और बैंक डिटेल्स चुरा लेते हैं। निवेशकों को यह समझ में नहीं आता कि वे एक साइबर जाल में फंस चुके हैं और जब तक उन्हें सच्चाई का पता चलता है, तब तक उनका पूरा खाता खाली हो चुका होता है।

निवेशकों को जागरूक रहना चाहिए और किसी भी अनजान व्यक्ति या एजेंट द्वारा दिए जाने वाले लालच में नहीं आना चाहिए। निवेश करने से पहले हमेशा उस प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता की जांच करें।

एक गलती और पूरा खाता साफ

आज के डिजिटल युग में साइबर अपराधियों का तांडव बढ़ता जा रहा है, और एक छोटी सी गलती आपके पूरे बैंक खाते को साफ कर सकती है। साइबर अपराधी विभिन्न तरीकों से लोगों को फंसाते हैं और उनकी मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर लेते हैं। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति को एक फिशिंग ईमेल प्राप्त हो सकता है जो किसी बैंक या वित्तीय संस्थान का दिखावा करता है। इस ईमेल में एक लिंक होता है जिसे क्लिक करने पर व्यक्ति को एक नकली वेबसाइट पर ले जाया जाता है, जहां उसे अपने बैंक की जानकारी दर्ज करने के लिए कहा जाता है। जैसे ही व्यक्ति अपनी जानकारी दर्ज करता है, वह जानकारी सीधे साइबर अपराधियों के पास पहुंच जाती है।

एक अन्य सामान्य तरीका है, फोन कॉल्स या एसएमएस के माध्यम से लोगों को ठगना। साइबर अपराधी खुद को बैंक का प्रतिनिधि बताकर कॉल करते हैं और विभिन्न बहानों से व्यक्ति की संवेदनशील जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। एक वास्तविक घटना में, एक व्यक्ति को एक कॉल प्राप्त हुई जिसमें उसे बताया गया कि उसके खाते से संदिग्ध ट्रांजैक्शन हुए हैं। उसे अपने खाते की सुरक्षा के लिए तुरंत कुछ जानकारी प्रदान करने के लिए कहा गया। व्यक्ति ने बिना सोचे-समझे अपनी जानकारी दे दी, और कुछ ही मिनटों में उसके खाते से सारा पैसा गायब हो गया।

साइबर अपराधियों का एक और तरीका है सोशल इंजीनियरिंग, जिसमें वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर लोगों की व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करते हैं। एक सच्ची घटना में, एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर अपनी जन्मतिथि और मां का नाम साझा किया था। इसका फायदा उठाकर साइबर अपराधियों ने उसके बैंक खाते को हैक कर लिया और उसकी जमा पूंजी चुरा ली।

इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि साइबर अपराधियों से बचने के लिए जागरूकता और सावधानी बेहद जरूरी है। एक छोटी सी गलती भी आपके वित्तीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है।

सुरक्षा उपाय और बचाव के तरीके

चीन के साइबर अपराधियों से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय अपनाना आवश्यक है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के सुझावों के अनुसार, हमें सबसे पहले अपने ऑनलाइन खातों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके लिए मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करें और नियमित अंतराल पर इसे बदलते रहें। पासवर्ड में अक्षरों, अंकों और विशेष चिन्हों का मिश्रण होना चाहिए ताकि उसे आसानी से हैक न किया जा सके।

दो-स्तरीय प्रमाणीकरण (Two-Factor Authentication) का उपयोग बेहद महत्वपूर्ण है। यह अतिरिक्त सुरक्षा परत प्रदान करता है और आपके खाते को सशक्त बनाता है। इसके अलावा, केवल प्रमाणिक और आधिकारिक वेबसाइटों और ऐप्स का ही उपयोग करें। किसी भी अनजान लिंक या संदिग्ध ईमेल पर क्लिक करने से बचें।

साइबर सुरक्षा के लिए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का नियमित रूप से अपडेट और स्कैन करना चाहिए। यह आपके सिस्टम को वायरस और मालवेयर से बचाने में मदद करता है। साथ ही, अपने ऑपरेटिंग सिस्टम और अन्य सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट रखें ताकि किसी भी सुरक्षा खामी का लाभ साइबर अपराधी न उठा सकें।

सामाजिक मीडिया पर अपने व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें। साइबर अपराधी सोशल इंजीनियरिंग के माध्यम से आपकी जानकारी का दुरुपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, ऑनलाइन भुगतान करते समय केवल सुरक्षित और प्रमाणित भुगतान गेटवे का ही उपयोग करें। किसी भी संदेहास्पद गतिविधि का तुरंत रिपोर्ट करें और अपने बैंक को सूचित करें।

मोबाइल ऐप्स डाउनलोड करते समय केवल आधिकारिक ऐप स्टोर से ही ऐप्स डाउनलोड करें और किसी भी अनजान स्रोत से ऐप्स इंस्टॉल न करें। ऐप्स की अनुमतियों की जांच करें और केवल आवश्यक अनुमतियों को ही स्वीकार करें।

साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपरोक्त उपायों को अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। जागरूकता और सतर्कता से ही हम साइबर अपराधियों के जाल में फंसने से बच सकते हैं।

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