Monday 19th of May 2025 08:49:07 AM
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चीन की चेतावनी: अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने वाले देशों पर उठाएंगे कड़े कदम

बीजिंग: चीन ने सोमवार को चेतावनी दी कि जो देश अमेरिका के साथ ऐसे व्यापारिक समझौते करेंगे जो चीन के हितों के खिलाफ हैं, उन पर कड़ी जवाबी कार्रवाई की जाएगी। यह चेतावनी चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने दी, जब ऐसी खबरें सामने आईं कि अमेरिका अपने टैरिफ छूट के बदले देशों पर चीन के साथ व्यापार सीमित करने का दबाव बना रहा है।

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रवक्ता ने कहा, “चीन अमेरिका और उसके व्यापारिक साझेदारों के बीच ऐसे किसी भी समझौते का कड़ा विरोध करता है जो चीन के वैध हितों को नुकसान पहुंचाता हो। यदि ऐसा कोई मामला सामने आता है, तो चीन इसे स्वीकार नहीं करेगा और निर्णायक जवाबी कदम उठाएगा।”

प्रवक्ता ने आगे कहा कि अमेरिका हाल ही में “पारस्परिकता” (reciprocity) के नाम पर अपने सभी व्यापारिक भागीदारों पर मनमाने तरीके से टैरिफ लगा रहा है और उन पर “पारस्परिक टैरिफ” वार्ता का दबाव डाल रहा है। उन्होंने कहा, “यह दरअसल अंतरराष्ट्रीय व्यापार में एकतरफा दबाव और वर्चस्व की राजनीति है।”

इस कड़ी प्रतिक्रिया की पृष्ठभूमि में यह रिपोर्ट आई कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कई देशों पर लगाए गए टैरिफ के बाद, ये देश अब अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते करना चाह रहे हैं ताकि अमेरिकी बाज़ार तक दोबारा पहुंच मिल सके।

हाल ही में वॉल स्ट्रीट जर्नल ने रिपोर्ट किया था कि अमेरिका कई देशों पर चीन के साथ उनके व्यापार में रुकावट डालने के लिए दबाव बनाएगा। अमेरिका ने चीन पर 245 प्रतिशत टैरिफ लगाया है और करीब 70 देशों के साथ अलग-अलग समझौतों के लिए टैरिफ बढ़ोतरी रोक दी है।

इसके जवाब में चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाया है और दुर्लभ धातुओं के निर्यात पर नियंत्रण लगाने की घोषणा की है, जो अमेरिकी रक्षा उद्योग के लिए अहम हैं।

प्रवक्ता ने कहा, “तुष्टीकरण से शांति नहीं मिलती, समझौते से सम्मान नहीं मिलता। टैरिफ छूट के बदले दूसरों के हितों की बलि चढ़ाना एक विफल रणनीति है।”

चीन ने सभी देशों से आह्वान किया है कि वे निष्पक्षता और न्याय के पक्ष में खड़े हों, इतिहास के सही पक्ष में रहें और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को बनाए रखें। प्रवक्ता ने कहा, “यदि अंतरराष्ट्रीय व्यापार जंगल के कानून की ओर लौटता है, जहां ताकतवर कमजोरों को दबाते हैं, तो सभी देशों को नुकसान होगा।”

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