झारखंड में उपचुनाव: सोरेन और परविरा के बीच टकराव
झारखंड में लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव बेहद दिलचस्प होने जा रहा है। इस उपचुनाव में झारखंड के दो प्रमुख नेताओं, हेमंत सोरेन और बाबुलाल मरांडी परविरा, के बीच टकराव देखने की संभावना है। पहली बार सोरेन और परविरा दोनों एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं।
हेमंत सोरेन की उम्मीदवारी पर बड़ी बात
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि उन्होंने अपनी उम्मीदवारी पर फैसला लेने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। वे इस उपचुनाव में अपने पार्टी की उम्मीदवारी के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। सोरेन ने इसके लिए अपनी भाभी और झारखंड में उपमुख्यमंत्री के पद पर कार्यरत रह चुकी सुदेश कुमारी महतो को चुना है। यह फैसला राजनीतिक गतिरोध को और भी तेज कर सकता है।
परविरा के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं सोरेन
हेमंत सोरेन के बाद अब परविरा की बारी है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (युनाइटेड) के नेता बाबुलाल मरांडी परविरा भी इस उपचुनाव में अपनी उम्मीदवारी के लिए तैयार हैं। परविरा ने अपनी पार्टी के सदस्यों को चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया है और उन्हें जिताने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इसलिए इस उपचुनाव में सोरेन और परविरा के बीच टकराव देखने की संभावना है।
झारखंड में यह उपचुनाव राजनीतिक माहौल में बड़ी बदलाव ला सकता है। इसके लिए दोनों नेताओं को अपनी पार्टियों की सुशासन नीतियों को और विकास कार्यों को लोगों तक पहुंचाने की जरूरत होगी। यह उपचुनाव झारखंड के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वे अपने नेता को चुनकर अपने राज्य के विकास में मदद कर सकते हैं।