पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर रविवार को बिहार बंद के दौरान पटना में हुई तोड़फोड़ के मामले में पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
क्या था मामला?
बीपीएससी की 70वीं परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों के कारण पप्पू यादव और उनके समर्थकों ने बिहार बंद बुलाया था। इस बंद का प्रभाव पटना, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा जैसे कुछ प्रमुख शहरों में देखा गया। आरोप है कि पप्पू यादव के समर्थकों ने पटना में एक गाड़ी में तोड़फोड़ की और एक शोरूम को जबरन बंद कराया। इसके बाद इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई और पुलिस ने जांच शुरू कर दी।
पप्पू यादव पर एफआईआर
पटना के एक शोरूम में तोड़फोड़ करने के आरोप में पप्पू यादव समेत उनके समर्थकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। रविवार को पटना के डीएम ने बताया कि इस घटना में शामिल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन 10 लोगों में पप्पू यादव भी शामिल हैं। पुलिस ने तोड़फोड़ और हिंसा के आरोप में कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।
बंद के दौरान पटना में क्या हुआ?
बंद के दौरान पप्पू यादव के समर्थक पटना के साइंस कॉलेज के पास सुबह-सुबह इकट्ठा हुए और उन्होंने गाड़ियों को रोका। इसके बाद अशोक राजपथ पर पुतला दहन किया गया और डाक बंगला चौराहे के पास यातायात को बाधित किया गया। बंद के दौरान अन्य जगहों पर भी प्रदर्शन हुए, लेकिन सबसे ज्यादा बवाल पटना में देखा गया।
सांसद पप्पू यादव का पक्ष
बिहार बंद के आयोजनकर्ता पप्पू यादव ने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बीपीएससी परीक्षा में हुई अनियमितता को लेकर यह आंदोलन किया गया है और वे इसे पूरी तरह से शांतिपूर्वक करने का दावा कर रहे हैं। हालांकि, पटना में हुई हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाओं को लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जो मामले को और जटिल बना सकता है।
निष्कर्ष
इस मामले ने बिहार में एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। बिहार बंद और इसके बाद की हिंसक घटनाओं ने राज्य सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती बढ़ा दी है। अब देखना यह होगा कि पप्पू यादव और उनके समर्थकों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है और इस आंदोलन के परिणाम क्या होते हैं।