Friday, March 29, 2024
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“कन्हैया, कविता कृष्णन, येचुरी जैसे लोगों के हाथ 22 जवानों के खून से रंगे हैं”

नक्सलियों को पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कब ?
नक्सलियों को पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कब ?

छत्तीसगढ़ के पूर्व DGP विश्वरंजन ने कहा है कि सारा फोकस उन नक्सलियों के सफाए पर है जिन्होंने 22 जवानों को शहीद कर दिया, लेकिन उनका क्या जिन्होंने नक्सलियों को ये नृशंस नरसंहार के लिए प्रेरित किया। उनके खिलाफ सैन्य ऑपरेशन कब शुरू होगा ? विश्वरंजन ने कहा कि नरसंहार जैसी परिस्थितियाँ पैदा करने वाले नरसंहार करने वालों से ज्यादा दोषी हैं , लेकिन किसी की इतनी हिम्मत नहीं कि वैचारिक साज़िशकर्ताओ के खिलाफ पुलिस ऑपरेशन लॉन्च कर सकें।

न्यायपालिका से लेकर पुलिस तक उन्होंने अपने लोग फिट कर रखे हैं

छत्तीसगढ़ के पूर्व डीजीपी ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों से लेकर मीडिया तक और पुलिस से लेकर न्यायपालिका तक उन्होंने अपने स्लीपर सेल्स तैयार कर रखे हैं, जिन्हें समय-समय पर एक्टिवेट किया जाता है। ऐसे लोग देश को अंदर ही अंदर तोड़ना चाहते हैं। अमीर-गरीब, जाति-धर्म को आधार बनाकर ये लोग सिस्टम के प्रति नफरत पैदा कर रहे हैं। ये बंदूक के जोर पर तख्तापलट की मंशा रखते हैं। लेकिन सरकार मजबूर है, सरकार को डर है कि लेफ्ट रुझानों वाले स्लीपर सेल्स पर हाथ डालने से देश में अशांति पैदा हो जाएगी।

सुरक्षा बलों और मिलिट्री को असंतोष पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार मिले

पूर्व डीजीपी ने कहा कि जबतक नक्सली पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, जंगलों में बंदूक उठाकर घूमने वाले पैदल सिपाहियों को मारने से कुछ हासिल नहीं होगा । दोनों ओर से सिर्फ सिस्टम के सबसे निचले पायदान के लोग मर रहे हैं। जबकि हमें नक्सलियों के recruitment cell को ध्वस्त करने के लिए “ऑपरेशन ऑल आउट” लॉन्च करना होगा ।

 

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