जनसंख्या नियंत्रण बिल को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री रेणु देवी एक-दूसरे से ही उलझ पड़े। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जबतक महिलाएं जागरुक नहीं होंगी, प्रजनन दर कम नहीं होगी। इसपर डिप्टी-सीएम रेणु देवी ने कहा कि अधिकतर पुरुण नसबंदी को लेकर उदासीन हैं। पहले पुरुषों को जागरुक होने की जरुरत। जनसंख्या नियंत्रण की सारी जिम्मेदारी सिर्फ महिलाओं पर थोपना गलत मानसिकता ।
पुरुषवादी मानसिकता के शिकार हैं कुछ लोग
बिना नाम लिए बिहार की पहली महिला उप-मुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि कुछ लोग दिखाते नहीं, पर जेहन में कहीं न कहीं पुरुषवादी मानसिकता पाल कर बैठे रहते हैं। नीतीश कुमार ने कहा था कि अगर महिलाएं पढ़ी लिखी होंगी तो उनके अंदर ज्यादा जागृति होगी और प्रजनन दर अपने आप घटेगी ।इसपर रेणु देवी ने कहा कि बिहार में पुरुषों में नसबंदी की दर 1 फीसदी से भी कम है। अब आप ही बताइए कि परिवार नियोजन को लेकर ज्यादा जागरुक कौन है, पुरुष या महिलाएं ? किन्हें ज्यादा जागरुक होने की जरुरत है ?
पुरुषों को जागरुक करने की जरुरत
डिप्टी सीएम ने कहा कि बिहार के कई जिलों में तो नसबंदी की दर मात्र एक फीसदी है । उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि अक्सर यह देखा गया है कि बेटे की चाहत में पति और ससुराल वाले महिला पर अधिक बच्चे पैदा करने का दबाव बनाते हैं, जिससे परिवार का आकार बड़ा होता जाता है । उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए पुरुष और महिलाओं में भेदभाव समाप्त करने की जरूरत है ।