असम में नमाज ब्रेक पर रोक: तेजस्वी यादव ने भाजपा पर साधा निशाना, केंद्रीय मंत्री ने की आलोचना
असम में नमाज के लिए निर्धारित दो घंटे की छुट्टी पर रोक लगाने के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के निर्णय ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। इस फैसले के बाद से विपक्ष और सत्तारूढ़ पार्टी के बीच तीखी बहस शुरू हो गई है।
असम सरकार ने शुक्रवार को एक निर्णय लेते हुए विधानसभा सत्र के समापन दिवस पर नमाज के लिए दो घंटे की छुट्टी की प्रथा को समाप्त कर दिया। यह नियम ब्रिटिश काल से लागू था। अब से, विधानसभा सत्र के दौरान शुक्रवार को भी जुम्मे की नमाज के लिए कोई विशेष अवकाश नहीं मिलेगा, और सदन की कार्रवाई सामान्य रूप से चलती रहेगी।
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए राजद के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा पर हमला बोलते हुए कहा कि यह निर्णय केवल सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने की कोशिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा मुसलमानों को एक ‘सॉफ्ट टारगेट’ बना रही है और संविधान द्वारा दी गई उनकी जगह को खतरे में डाल रही है।
दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, और अखिलेश यादव जैसे नेता मुस्लिम वोटों के ‘ठेकेदार’ हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इन नेताओं की सरकार आई, तो वे शुक्रवार को छुट्टी घोषित कर सकते हैं, और भारत को पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसा बना देंगे। गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव का मुस्लिम टारगेट करने का आरोप हिंदू-मुसलमान का मामला नहीं है, बल्कि यह देश और कानून का मामला है।
यह विवाद राजनीतिक मैदान पर नए संघर्ष की शुरुआत को दर्शाता है, जिसमें असम की हालिया नीतियों के साथ-साथ देश की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान पर भी बहस छिड़ गई है।