नई दिल्ली: पाकिस्तान द्वारा 10-11 मई की रात हुए सीजफायर और हवाई क्षेत्र उल्लंघन के बाद, भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार को पश्चिमी सीमाओं के सेना कमांडरों के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि अब सेना कमांडरों को किसी भी उल्लंघन पर “प्रभावशाली प्रतिक्रिया” देने के लिए पूर्ण अधिकार प्राप्त हैं।
भारतीय सेना के जनसंपर्क विभाग (ADG PI) ने एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया, “10 मई को DGMO स्तर पर हुई वार्ता में हुई सहमति के उल्लंघन के बाद, COAS जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पश्चिमी सीमाओं के सेना कमांडरों के साथ स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने काइनेटिक डोमेन में कार्रवाई के लिए सेना कमांडरों को पूर्ण स्वायत्तता दी है।”
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और पाकिस्तान ने अमेरिका की मध्यस्थता से एक अस्थायी युद्धविराम समझौता किया था। लेकिन चंद घंटों के भीतर ही भारत ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने उस समझौते का उल्लंघन किया है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शनिवार देर रात एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया, “पाकिस्तान की ओर से समझौते के बार-बार उल्लंघन हुए हैं। हमारी सशस्त्र सेनाएं इन उल्लंघनों का उपयुक्त और पर्याप्त जवाब दे रही हैं। हम पाकिस्तान से अपेक्षा करते हैं कि वह इस मुद्दे को गंभीरता और जिम्मेदारी से निपटाए।”
शनिवार रात 8:50 बजे के आसपास जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों, जिनमें श्रीनगर भी शामिल था, धमाकों से दहल उठे।
गौरतलब है कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी शिविरों पर बड़े पैमाने पर हमले शुरू किए थे। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया।
अब सेना को पूरी छूट मिलने के बाद यह संकेत स्पष्ट है कि भारत किसी भी उल्लंघन को हल्के में नहीं लेगा और हर हमले का जवाब उसी की भाषा में दिया जाएगा।