रांची/लखनऊ । झारखंड सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने लखनऊ में आयोजित जीएसटी काउंसिल की 45 वीं बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि राज्यों का जीएसटी मुआवजा अवधि जून 2022 में खत्म हो रहा है, उसे बढ़ाया जाए । वहीं पब्लिक अंडरटेकिंग कंपनी पर बकाए की मांग रखी गई ।
डीवीसी का बकाया काटे जाने का किया विरोध
झारखण्ड सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि भारत सरकार केंद्रीय संस्थानों से राज्य को मिलने वाले बकाया राशि को पेंडिंग रखती है, लेकिन डीवीसी झारखंड राज्य को बिना बताए बिजली काट देती है, और बकाए भुगतान के लिए नोटिस भी करती है जो कहीं से उचित नहीं है । डीवीसी के बिजली काटने और नोटिस देने के खिलाफ उन्होंने काउंसिल में जोरदार तरीके से विरोध किया।
झारखण्ड का बकाया 1544 करोड़ जल्द दे केन्द्र
कोयला के जीएसटी स्लैब में बदलाव की मांग राज्य हित में करने की बातें कहीं। उन्होंने राज्य के जीएसटी मुआवजा के पैसे 1544 करोड़ की मांग की है, रॉयल्टी के रूप में 12725 करोड़ जो झारखंड को मिलना है उसकी ओर भी माननीय केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी का ध्यान आकृष्ट कराया।
राज्यों को दुश्मन नहीं, सहयोगी समझे केन्द्र सरकार
उन्होंने कहा कि राज्यों के राजस्व गत स्थितियां और राजकोषीय जरूरतों को सकारात्मकता और सहयोग के भाव से देखे जाने की आवश्यकता है । उन्होने कहा कि कोविड काल मे मेडिसिन और उपकरणों में टैक्स की जो रियायत दी गई है उसकी सराहना हम करते हैं। बादल पत्रलेख ने बैठक के दौरान कहा कि किसी भी राज्य को समय पर रेवेन्यू लॉसेस की क्षतिपूर्ति जल्द मिले इसका ख्याल केन्द्र सरकार को रखना चाहिए। खपत आधारित जीएसटी कर प्रणाली में झारखंड को कर राजस्व का नुकसान हो रहा है इसे देखने की आवश्यकता है।