नई दिल्ली: सीमा पार बढ़ते तनावों के बीच भारत सरकार ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के समक्ष पाकिस्तान को मिल रही वित्तीय सहायता पर गंभीर आपत्ति जताई। भारत ने IMF को आगाह किया कि पाकिस्तान IMF की ऋण राशि का दुरुपयोग राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के लिए कर सकता है।
भारत की चिंताओं के बाद IMF ने पाकिस्तान के लिए $1 बिलियन के एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) कार्यक्रम और $1.3 बिलियन के रेज़िलिएंस एंड सस्टेनेबिलिटी फैसिलिटी (RSF) ऋण कार्यक्रम की समीक्षा शुरू की है।
भारत ने IMF के समक्ष पाकिस्तान के खराब ट्रैक रिकॉर्ड को रेखांकित करते हुए कहा कि वह पिछले 35 वर्षों में 28 वर्षों तक IMF से ऋण प्राप्त करता रहा है। 2019 से अब तक चार बार IMF के पास गया है, जिससे IMF कार्यक्रमों की प्रभावशीलता और पाकिस्तान की ईमानदारी पर सवाल उठते हैं।
भारत सरकार ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान की सेना का आर्थिक मामलों में गहरा दखल नीति स्तर पर चूक और सुधारों के पलटने के जोखिम पैदा करता है। सेना विशेष निवेश सुविधा परिषद में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।”
भारत ने IMF की रिपोर्ट “Evaluation of Prolonged Use of IMF Resources” का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान के मामले में राजनीतिक विचारों का प्रभाव IMF की निर्णय प्रक्रिया में स्पष्ट है, जिससे वैश्विक मूल्य और ऋणदाता संस्थानों की साख खतरे में पड़ती है।
भारत ने ज़ोर देकर कहा कि सीमा पार आतंकवाद को बार-बार मदद मिलना वैश्विक संस्थाओं की प्रक्रिया में नैतिक मूल्यों की उपेक्षा को दर्शाता है और यह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली के लिए एक गंभीर चेतावनी है।