अप्रैल तक मधुपुर का उप-चुनाव समाप्त हो जाना है। यह सीट झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी के निधन से खाली हुई है। इस सीट पर राजद ने दावा ठोकना शुरु किया ही था कि हेमंत सोरेन ने हाजी हुसैन अंसारी के बेटे हफीजुल हसन को मंत्री बनाकर राजद को संदेश दे दिया कि आप हद में रहो…ये लगभग तय है कि हफीजुल हसन ही मधुपुर उपचुनाव जेएमएम के सिंबल से लड़ेंगे ।
अभय सिंह के बड़बोलेपन से गड़बड़ाया मामला
कहते हैं कि राजनीति में जब हैसियत कम हो तो बोलना भी कम चाहिए । झारखंड में एक सीट जीतकर एक मंत्रीपद पाने वाली राजद अपने प्रदेश अध्यक्ष के बड़बोलेपन से घाटे में दिख रही है। मधुपुर विधानसभा सीट पर हाेने वाले उपचुनाव में राजद ने महागठबंधन उम्मीदवार के लिए दावा ठाेका था। राजद के प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार सिंह ने कहा था कि इससे पहले दाे उपचुनाव हुए हैं। एक में गठबंधन के सहयाेगी दल झामुमाे और दूसरे में कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतारा था। इसलिए महागठबंधन का तीसरा सहयाेगी हाेने के नाते अब वहां से उम्मीदवार देने का दावा राजद का बनता है।
हफीजुल हसन बनाम राज पालीवार
2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी ने भाजपा के राज पालीवार हो हराया था। इससे पहले 2005 में राज पालीवार ने हाजी हुसैन अंसारी को मात दी थी। इस बार मुकाबला हाजी हुसैन अंसारी के बेटे और राज पालीवार के बीच ही होने की उम्मीद है। हेमंत सरकार के सत्ता में आने के बाद अत तक जितने भी उपचुनाव हुए उसमें सत्तारुढ़ महागठबंधन की ही जीत हुई है. हफीजुल हसन के साथ पिता के मौत से उपजी सहानुभूति और पावर दोनों है. वहीं भाजपा को आजसू के साथ आने का फायदा मिल सकता है।