उज्ज्वल दुनिया/नई दिल्ली । राज्यसभा में रविवार 20 सितंबर को कृषि बिलों के खिलाफ विपक्ष में जमकर हंगामा किया था। इस बात से खफा राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने हंगामा करने वाले 8 सांसदों को सोमवार 21 सितंबर को 1 सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया है। इनमें कांग्रेस के 3 सांसद हैं, तृणमूल कांग्रेस के 2, सीपीआई (एम) के 2 और आम आदमी पार्टी के एक सांसद शामिल हैं। इधर सभापति के फैसले के खिलाफ फिर आज राज्यसभा में जमकर बवाल हुआ। विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ लगातार विरोध के कारण राज्यसभा सुबह लगभग 10:36 तक के लिए स्थगित कर दी गई।
निलंबित होने वाले सांसदों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस के राजू साटव, सैयद नासिर हुसैन और रिपुण बोरा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, सीपीआई-एम के के के रागेश और एलमाराम करीम शामिल हैं।
दूसरी ओर राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने स्पष्ट कर दिया है कि डिप्टी चेयरमैन के खिलाफ विपक्षी सांसदों की तरफ से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव नियम के मुताबिक गलत है।राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा है, मैं डेरेक ओ’ब्रायन का नाम लेता हूं कि सदन से बाहर जाएं। अगर कल मार्शल्स को सही समय पर नहीं बुलाया जाता तो उपाध्यक्ष के साथ क्या होता ये सोचकर मैं परेशान हूं।
उप सभापति हरिवंश ने कहा, मेरा आग्रह है कि माननीय सदस्य जो 256 के तहत नामित किए गए हैं वो सदन की कार्यवाही में न रहें। वहीं राज्यसभा सांसद वी. मुरलीधरन ने कहा है कि निलंबित सदस्यों को सदन में रहने का कोई अधिकार नहीं है। सदन गैर-सदस्यों की उपस्थिति के साथ काम नहीं कर सकता।
बता दें कि राज्यसभा में रविवार 20 सितंबर को विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया था। जब सरकार ने कृषि विधेयकों को पारित कराना चाहा, तो कई विपक्षी सांसदों ने वेल में आकर नारेबाजी की। इसके बाद चेयर के पास पहुंचकर दस्तावेज फाड़े। हंगामा इतना बढ़ गया कि उपसभापति हरिवंश को मार्शल को बुलाना पड़ा।