
केंद्र सरकार ने करदाताओं के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं । वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स रिटर्न्स पर छूट दी गई है। जो 75 वर्ष से ऊपर की उम्र के हैं, उनके लिए ‘Compliance Burden’ कम दिया गया। अगर कोई वरिष्ठ नागरिक केवल इंटरेस्ट से ही कमाई कर रहा है, या फिर पेंशन ही उसकी एकमात्र कमाई है – तो, ऐसी स्थिति में उन्हें किसी भी प्रकार के टैक्स रिटर्न्स फाइल करने की ज़रूरत नहीं है। इसे बुजुर्गों के लिए टैक्स में एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।
टैक्स रिटर्न असेसमेंट 6 वर्षों के बजाय 3 वर्षों में
इन सबके अलावा टैक्स रिटर्न्स के असेसमेंट को अब 6 वर्षों की बजाय 3 वर्षों में ही रीओपन किया जा सकता है। छोटे करदाताओं के लिए ‘फेसलेस डिस्प्यूट रिजोल्यूशन कमिटी’ के गठन का ऐलान किया गया। साथ ही डिजिटल लेन-देन के लिए टैक्स ऑडिट थ्रेसहोल्ड बढ़ाया गया। FPIs के लिए डिविडेंट टैक्स बर्डेन को भी घटाया गया है। अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए 1 साल तक पेमेंट का ब्याज घटाया गया।
प्रवासी मजदूरों के लिए घर खरीदने में टैक्स पर छूट
जो माइग्रेंट मजदूर हैं, उन्हें नोटफाइड अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए टैक्स में छूट मिलेगी। साथ ही एयरक्राफ्ट लीजिंग कंपनियों को भी टैक्स से छूट देने का ऐलान किया गया है। हालाँकि, होम लोन की शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार करदाताओं पर कम से काम बोझ पड़े इसके लिए प्रतिबद्ध है। औसत करदाता के हाथ में अधिक रुपए आने से अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।