उज्ज्वल दुनिया/रांची । झारखंड में भाकपा माओवादी संगठन के द्वारा पुलिस पर हमले की साजिश रची गई है। माओवादी प्रभाव वाले इलाके चाईबासा के मुफ्फसिल, गोयलकेरा, गुदरी, सोनुआ के अलावे लोहरदगा-गुमला सीमा पर पुलिस के लिए चुनौती बढ़ी है। इन इलाकों में माओवादियों के द्वारा पुलिस बलों को लैंड माइंस के जरिए निशाने पर लेने की योजना बनायी गई है। हाल के दिनों में खुफिया एजेंसियों को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक चाईबासा के इलाके में भाकपा माओवादी संगठन के द्वारा जमीनी कैडरों को जोड़ा गया है। चाईबासा में छत्तीसगढ़ के माओवादियों की मौजूदगी की जानकारी भी मिली है। चाईबासा में पोलित ब्यूरो मेंबर व एक करोड़ के इनामी मिसिर बेसरा के द्वारा कैंप किया जा रहा है।
कहां-कहां पुलिस के लिए खतरे
चाईबासा के सांगाजाटा-बोरई के इलाके में माओवादी मिसिर बेसरा 100 से अधिक हथियारबंद दस्ते के साथ लंबे समय से कैंप कर रहा है। इस इलाके में चाईबासा के गोयलकेरा, गुदड़ी और सोनुआ थाना का क्षेत्र पड़ता है। इस इलाके में माओवादी मिसिर बेसरा के दस्ते के सदस्यों तक पुलिस न पहुंचे, इसके लिए इलाके की घेराबंदी लैंडमाइंस के जरिए की गई है। वहीं, रायसिंदरी इलाके में भी भाकपा माओवादी पतिराम मांझी उर्फ अनल के दस्ते के द्वारा अड़की, तमाड़ और कुचाई के इलाके से अभियान में जाने वाले पुलिसकर्मियों पर हमले की योजना बनायी गई है। एक करोड़ के इनामी पतिराम का दस्ता भी साल भर से इसी इलाके में कैंप कर रहा है। तमाड़ के इलाके से प्रवेश करने वाले सुरक्षाबलों को माओवादियों के द्वारा निशाना बनाए जाने की आशंका है। खुफिया एजेंसियों को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक भाकपा माओवादी संगठन के द्वारा अनल और रवींद्र गंझू पर बड़े वारदात को अंजाम देने का दबाव भी है।
धनबाद का मेहनत उर्फ मोछू कर रहा कैंप
सांगाजाटा में 25 लाख का इनामी स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य मेहनत उर्फ मोछू के द्वारा कैंप किया जा रहा है। मेहनत उर्फ मोछू के साथ सागेन अंगरिया का दस्ता भी सक्रिय है। हाल ही में चाईबासा पुलिस ने सांगाजाट से लाल सिंह और शंकर अंगरिया को गिरफ्तार किया था। दोनों की निशानदेही पर भारी मात्रा में लैंड माइंस मिला था। लैंड माइंस के जरिए पुलिस को टारगेट करने की जानकारी भी गिरफ्तार माओवादियों ने दी थी।
जमीन पर मजबूत हो रहे माओवादी
कुछ माह पूर्व भाकपा माओवादियों ने पोस्टरबाजी कर गांव-गांव में जनमिलिशिया कमेटी के गठन को लेकर ग्रामीणों से अपील की थी। अब खुफिया एजेंसियों को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक 300 से अधिक ग्रामीण जनमिलिशिया से जुड़ चुके हैं। ऐसे में माओवादियों का अग्रणी संगठन नारी मुक्ति संघ, केसीसी भी इन इलाकों में वजूद में आ सकते हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ के माओवादियों के कोल्हान में दस्तक से भी पुलिस बलों की चुनौती बढ़ सकती है।