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पीएम केयर फंड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहुल के मंसूबों पर फिरा पानी: नड्डा

नई दिल्ली (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पीएम केयर्स फंड के खिलाफ दायर याचिका खारिज करने के फैसले के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि इस फैसले से कांग्रेस नेता के मंसूबों पर पानी फिर गया।

नड्डा ने मंगलवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा, ‘पीएम केयर्स पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहुल गांधी के नापाक मंसूबों पर पानी फिर गया है। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी और उसके सहयोगियों के बुरे इरादे और दुर्भावनापूर्ण प्रयासों के बावजूद सच्चाई दिखती है।’ उन्होंने कहा कि पीएम केयर में भारी योगदान देने वाले आम आदमी ने राहुल गांधी की बात को बार-बार खारिज किया है। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना फैसला सुना दिया है। नड्डा ने सवाल किया कि क्या राहुल गांधी और एक्टिविस्टों की उनकी आर्मी अब भी अपने तौर तरीकों में सुधार करेगी।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘गांधी परिवार ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) को दशकों से व्यक्तिगत संपत्ति के रूप में संचालित किया। पीएमएनआरएफ में देशवासियों के मेहनत से एकत्रित धन को अपने परिवार के ट्रस्टों को ट्रांसफर कर दिया है। देश बहुत अच्छी तरह से जानता है कि पीएम केयर्स फंड के खिलाफ अभियान कांग्रेस द्वारा अपने पापों को धोने का एक प्रयास है।’
इससे पूर्व भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कांग्रेस व उसके शीर्ष परिवार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने पीएम केयर फंड के इस्तेमाल का ब्यौरा देते हुए कहा कि राहुल गांधी ने पहले दिन से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश की एकता को तोड़ने की कोशिश की है। रविशंकर ने कहा कि वह बहुत गर्व के साथ कहना चाहते हैं कि मोदी सरकार पर तथ्यों के साथ अभी तक एक भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाने की किसी की भी हिम्मत नहीं हुई। क्योंकि, नरेन्द्र मोदी की सरकार ईमानदारी के साथ काम करती है, इसलिए जनता का आशीर्वाद मिलता है और वही ईमानदारी पीएम केयर्स फंड में भी दिखाई पड़ती है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पीएम केयर्स फंड में जमा पैसों को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) में हस्तांतरित करने की मांग ठुकरा दी। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये दोनों फंड अलग हैं। नवम्बर 2019 में बनी योजना ही पर्याप्त है और अलग से योजना बनाने की जरूरत नहीं है। 

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