अब हर साल होगा नौकरशाहों के कामकाज का ऑडिट, सरकारी कर्मचारियों को स्किल डेवलपमेंट की दी जाएगी ट्रेनिंग
दागी सरकारी अफसरों को परफोर्मेंस में सुधार का दिया जाएगा मौका, नहीं सुधरे तो जबरन रिटायरमेंट
समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाले सरकारी बाबुओं को प्रमोशन, दक्षता के हिसाब से नौकरशाहों की होगी पोस्टिंग
उज्ज्वल दुनिया/नई दिल्ली, 03 सितम्बर (हि.स.)। केन्द्र सरकार ने बुधवार को सिविल सेवा क्षमता निर्माण मिशन कर्मयोगी को मंजूरी दे दी। इसका मकसद सिविल सेवकों को आज के समय के अनुसार कल्पनाशील और नवाचारी, सक्रिय एवं सरल, पेशेवर एवं प्रगतीशील, उर्जावान एवं समर्थकारी, पारदर्शी एवं तकनीकि से युक्त व रचनात्मक एवं सृजनात्मक बनाना है।
अफसरों के क्षमता निर्माण और कार्यशैली में सुधार के लिए नई नीति- प्रकाश जावड़ेकर
केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि कर्मयोगी मिशन जनअपेक्षा पर खरा उतरने वाले अफसरों को तैयार करने की योजना है। हाल ही में सरकार ने शिक्षा नीति की घोषणा की है और अब हम अगले चरण में अफसरों के क्षमता निर्माण के लिए नई नीति लेकर आए हैं।
सरकारी बाबुओं को कर्मयोगी बनाने का रोडमैप – जितेन्द्र सिंह
केन्द्रीय मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने कहा कि मिशन कर्मयोगी का मकसद एक सिविल सेवक को एक आदर्श कर्मयोगी के तौर पर तैयार करना है। यह अधिकारियों को उनकी भूमिका के आधार पर उचित स्थान देगा और इस योजना से संस्थागत क्षमता विकास का काम होगा। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा का निर्माण सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान निहित नवभारत के सपनों के अनुरूप करने के लिए मिशन कर्मयोगी का गठन हुआ है। यह दक्षता आधारित क्षमता विकास पर बल देता है।
सिविल सेवकों के प्रदर्शन पर निरंतर नजर रखी जाएगी- चंद्रमौली
केन्द्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में सचिव सी चंद्रमौली ने बताया कि मिशन कर्मयोगी के तहत सिविल सेवा में क्षमता विकास के लिए एक नई राष्ट्रीय व्यवस्था तैयार की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इसके तहत प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक मानव संसाधन परिषद का निर्माण किया जाएगा। यह परिषद सिविल सेवा क्षमता विकास योजनाओं का अनुमोदन व निगरानी करेगी। इसके अलावा एक क्षमता विकास आयोग तैयार किया जाएगा। सिविल सेवकों के प्रदर्शन पर निरंतर नजर रखी जाएगी। सही दक्षता रखने वाले सिविल सेवकों को सही स्थान पर पहुंचाने से जुड़ा प्रबंधन किया जाएगा