Delhi: चीन, रूस और पाकिस्तान के विशेष दूतों ने तालिबान सरकार को वैश्विक मान्यता के लिए कवायद तेज कर दी है। तीनों दूतों ने तालिबान के साथ बैठक कर इस दिशा में रणनीति बनाई। साथ ही हामिद करजई व अब्दुल्ला अब्दुल्ला से भी इस बारे में बातचीत की।
तीनों दूतों ने तालिबान से समावेशी सरकार पर जोर देने के साथ ही आतंकवाद से लड़ने और मानवीय हालात सुधारने पर चर्चा की। बैठकें तब हुई हैं, जब न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा चल रही है। समझा जाता है कि तालिबान को मान्यता दिलाने की कोशिशों के तहत ही तीनों देशों के दूतों ने ये बैठकें की हैं। एक चीनी अधिकारी ने बताया, तीनों दूतों ने तालिबानी पीएम मोहम्मद हसन अखुंद, विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से मुलाकात की। साथ ही पहली बार विदेशी दूतों ने करजई और अब्दुल्ला से बात की है। इस बैठक के बाद तालिबान ने कहा कि वे अफगानिस्तान को मजबूत करने में जिम्मेदार भूमिका निभा रहे हैं।
चीन ने कहा, मदद दें
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, तीनों दूतों ने मानवाधिकार, आर्थिक और मानवीय हालात समेत अफगानिस्तान से मैत्री संबंध रखने वाले मुल्कों पर विस्तृत चर्चा की। दूतों ने वैश्विक समुदाय से ज्यादा मानवीय सहायता मुहैया कराने का आह्वान किया।