गुलाम नबी आजाद ने संसद में दिए अपने अंतिम भाषण में कहा था की मैं “सौभाग्यशाली” हूं कि मैं कभी पाकिस्तान नहीं गया । गुलाम नबी आजाद के रिटायरमेंट की कहानी प्रधानमंत्री मोदी के साथ मधुर संबंधों के किस्से के साथ ही खत्म हो गई ।
बागी नेताओं ने भगवा पगड़ी ही क्यों पहनी ?
शनिवार को जम्मू में G-23 नेताओं की बैठक की अगुवाई गुलाम नबी आजाद ही कर रहे थे और उन्होंने सभी मेहमानों का स्वागत “भगवा” पगड़ी पहनाकर किया । लेकिन ‘भगवा‘ ही क्यों? क्या इसके पीछे छिपा कोई संदेश था ? गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा, राज बब्बर, विवेक तनखा जैसे नेता क्या यूं ही भगवा पगड़ी धारण कर लेंगे ?
G-23 के किस नेता ने क्या कहा ?
भगवा पगड़ी और इसके पीछे के संदेश को समझने के लिए जरुरी है कि नेताओं ने अपने भाषण में क्या कहा ? राज बब्बर ने कहा, “लोग कहते हैं, ‘G-23’, मैं गांधी 23 कहता हूं. महात्मा गांधी । किसी को ये कहने का अधिकार नहीं कि हम कांग्रेसी हैं या नहीं?
कपिल सिब्बल ने कहा- ” यह सच बोलने का मौका है और मैं सच बोलूंगा । सच्चाई यह है कि हम देख सकते हैं कि कांग्रेस कमजोर हो रही है । सिब्बल ने कहा कि वह यह समझने में असमर्थ हैं कि पार्टी गुलाम नबी आजाद जैसे व्यक्ति के अनुभव का उपयोग क्यों नहीं कर रही है?
मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से नहीं- आजाद
त में लेकिन सबसे मार्के की बात गुलाम नबी आजाद ने कही । आजाद ने कहा कि वह राज्यसभा से सिर्फ ‘‘रिटायर’’ हैं, राजनीति से नहीं । जिस नेता को गांधी परिवार रिटायर मान रहा हो, उसका असंतुष्ट नेताओं को जमा कर ये कहना कि वे राजनीति से रिटायर नहीं हुए हैं, सचमुच काफी हिम्मत की बात है ।