Friday, March 29, 2024
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एरिया ऑफिसर बेलगाम, आलाधिकारी भी नहीं लेते संज्ञान

बरही एरिया ऑफिसर का चौपारण में निरीक्षण का मामला

आरटीआई में खुलासा, उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है चौपारण

उज्ज्वल दुनिया संवाददाता/ संदीप सिन्हा

हजारीबाग। कुछ दिनों पूर्व बरही एरिया ऑफिसर ने चौपारण प्रखंड अंतर्गत कई विद्यालयों का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के बाद उन्होंने अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछे जाने से पूर्व ही उनके वेतन को अगले आदेश तक बंद करने का निर्देश भी दिया था। इस मामले पर झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने विरोध भी जताया था।

आरटीआई में खुलासा:

झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मो अतिकुज्ज्मा ने इस मामले पर विभाग से आरटीआई के तहत कई जानकारियां मांगी थी। इसमें बरही एरिया ऑफिसर के क्षेत्राधिकार के संबंध में जानकारी दी गई है कि बरही, पदमा, इचाक व विष्णुगढ़ प्रखंड ही क्षेत्राधिकार के अंतर्गत शामिल है। ऐसे में जब चौपारण इनके अधीन है ही नहीं, तो उन्होंने इसके अंतर्गत शामिल स्कूलों का निरीक्षण किस अधिकार से किया? साथ ही इस मामले को लेकर डीईओ व डीएसई ने अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?

संबंधित क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी के योगदान पर मांगे गए आरटीआई में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि उन्होंने योगदान के बाद इसकी सूचना वरीय पदाधिकारियों के साथ बरकट्ठा, चौपारण व चलकुशा प्रखंड के बीईईओ को भी दिया। ऐसे में प्रश्न उठ रहा है कि अधिकार क्षेत्र से बाहर के बीईईओ को इसकी सूचना क्यों दी गई। वहीं तत्कालीन डीईओ ने भी इस मामले पर कोई आपत्ति क्यों नहीं दर्ज करवाई।

विष्णुगढ़ बीईईओ ने भी वरीय शिक्षकों की जगह कनीय शिक्षकों को दिलाया था प्रभार

शिक्षा विभाग में आए दिन अधिकारियों के कारनामों से हलचल मची रहती है। ऐसा एक मामला कुछ दिनों पूर्व विष्णुगढ़ बीईईओ की तरफ से देखने को मिला। उन्होंने ग्रेड-4 के शिक्षकों के स्थान पर 2016 में नियुक्त स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को विद्यालय का प्रभार दिलवाया था। इसका विरोध अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने किया था। संघ के जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार ने इस बाबत उपायुक्त, डीईओ व डीएसई को एक पत्र भी प्रेषित किया था। इस मामले पर डीएसई से पूछे जाने पर उन्होंने स्पष्टीकरण सहित कार्रवाई की बात कही थी। हालांकि इस बाबत प्रवीण कुमार ने बताया कि डीएसई ने उनसे स्पष्टीकरण पूछा है। ऐसे में यदि इन मामलों पर उच्च अधिकारी संज्ञान नहीं लेते हैं तो शिक्षा का उन्नयन आसान नहीं होगा।

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