उज्ज्वल दुनिया\नई दिल्ली, 27 सितम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और श्रीलंका के बीच बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 1.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की उपस्थिति में शनिवार को पहली बार भारत-श्रीलंका वर्चुअल द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। यह हाल के समय में किसी पड़ोसी देश के साथ भारत का पहला शिखर सम्मेलन रहा।
भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा संबंधों को मजबूती देने पर सहमति
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव अमित नारंग ने एक विशेष पत्रकार वार्ता में बताया कि दोनों प्रधानमंत्रियों ने देशों के बीच सुरक्षा और रक्षा सहयोग की मजबूती पर संतोष व्यक्त किया। वे कर्मियों के आदान-प्रदान और प्रशिक्षण, समुद्री सुरक्षा सहयोग और रक्षा व सुरक्षा के क्षेत्र में श्रीलंका को भारत के समर्थन पर आपसी सहयोग को जारी रखने और आगे बढ़ाने के लिए सहमत हुए। दोनों नेताओं ने आतंकवाद-रोधी प्रयासों और क्षेत्रीय मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने में सूचना के आदान-प्रदान और सहयोग में हुई प्रगति पर भी संतोष व्यक्त किया।
इन पैसों से दोनों देशों के बौद्ध धर्मगुरु संबंधों को मजबूत बनाएंगे
उन्होंने बताया कि लंबे समय से भारत और श्रीलंका के बीच सभ्यतागत और सांस्कृतिक जुड़ाव को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 1.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता की घोषणा की। यह अनुदान बौद्ध धर्म के दायरे में दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों के आपसी संबंधों को प्रगाढ़ करने में सहायता करेगा। इसका उपयोग बौद्ध मठों के निमार्ण व रख-रखाव, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पुरातात्विक सहयोग, भगवान बुद्ध के अवशेषों को साझा करने, बौद्ध विद्वानों के सुदृढ़ीकरण और धर्मगुरुओं को सहयोग करने के लिए किया जाएगा।