Sunday 20th of April 2025 07:50:36 AM
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राज्यसभा में पीएम मोदी के व्यंग्य, जिसपर विपक्षी भी मुस्कुरा उठे

राज्यसभा में किसान बिल पर बहस का जवाब देते प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री मोदी सदन में किसान कानूनों पर बोलने के लिए उठे तो विपक्ष शोरगुल कर रहा था, लेकिन लगभग एक घंटे के उनके भाषण के दौरान माहौल हल्का होता चला गया । कई ऐसे मौके आए जब विपक्षी खेमा भी मुस्कुराते हुए दिखा ।

मोदी है तो मौक़ा लीजिये …

भाषण के अंत में पीएम मोदी ने कहा कि सदन में बेहद सार्थक बहस हुई । कई लोगों ने गंभीर चर्चा की तो कुछ लोग बेहद गुस्से में थे । ये गुस्सा अच्छा है….अच्छा है कि उनके अंदर का गुस्सा सदन में ही बाहर आ गया…अच्छा है कि मोदी को गाली देने से उनके अंदर का गुस्सा शांत हो गया । अब वे हल्का महसूस कर रहे होंगे । इस मामले में मैं अपने-आप को बड़ा सौभाग्यशाली मानता हूँ । अगर मोदी को गाली देने से, मोदी पर गुस्सा उतारने से वे शांत होते हैं, उनके घर का माहौल खुशनुमा होता है तो इससे बड़ा सौभाग्य मेरे लिए और क्या है? मोदी है तो मौका लीजिए

आंदोलनजीवी

पीएम मोदी ने कहा

“इस देश में कई शब्दों को हम बार-बार सुनते हैं । श्रमजीवी….बुद्धिजीवी…आदि । लेकिन हाल के दिनों में एक और शब्द आया है- “आंदोलनजीवी

ये ऐसे लोग हैं जो हर तरह के आंदोलनों में दिख जाते हैं । कई राज्यों में हमारे विरोधी दलों की भी सरकारें हैं । उनका पाला भी इन “आंदोलनजीवियो” से पड़ता ही रहता है । कहीं भी कोई विषय हो, ये आंदोलनजीवी लोग पहुंच जाते हैं । इससे इनका काम तो चल जाता है, कुछ दिनों तक खर्चा-पानी निकल जाता है….”

नये तरह का FDI

प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में कहा कि

“FDI देश के लिए अच्छा है । हम सब चाहते हैं कि देश में FDI आए । लेकिन इस देश में एक और तरह की FDI आती रही है । ये है Foreign guided direct investment.

ये कौन लोग हैं ? इनकी मंशा क्या है ? आखिर विदेशों में बैठी ऐसी कौन सी शक्तियां हैं जो भारत में इतना FDI कर रही हैं, और क्यों? हमें इसे समझने की जरुरत है ।

G-23, लेटर वाले

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की ओर कटाक्ष करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गुलाम नबी आजाद जी बहुत मीठा बोलते हैं । वे कभी भी ऐसी बातें नहीं करते जो सामने वाले को बुरा लगे । उन्होंने कृषि कानूनों पर कुछ अहम सुझाव दिए हैं । उम्मीद है कि उनके सुझावों को उनकी पार्टी के लोग ही G-23 लेटर वाले” सुझाव बताकर खारिज नहीं करेंगे ।

दरअसल, हाल ही में गुलाम नबी आजाद, पी चिदंबरम और कपिल सिब्बल जैसे 23 नेताओं ने कांग्रेस पार्टी में सुधार को लेकर आलाकमान को एक चिट्ठी के जरिए सुझाव दिए थे । इस चिट्ठी के मीडिया में लीक होने के बाद पार्टी आलाकमान और गांधी परिवार के करीबियों ने इन 23 नेताओं को काफी भला-बुरा कहा था । मोदी का इशारा इसी ओर था ।

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