दिल्ली/जयपुर (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने शुक्रवार को कृषि क्षेत्र में सुधार तथा आधारभूत संरचना निधि के विषयों पर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं कृषि मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की। इस चर्चा में किसानों को उद्यमियों में बदलने, भारत को दुनिया के लिए फूड बास्केट बनाने, कृषि में निवेश के अवसर बनाने तथा कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में रोजगार एवं उद्यमिता के अवसर सृजित करने सहित अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर विचार विमर्श हुआ।
इस डिजिटल संवाद में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं कृषि राज्यमंत्री पुरषोत्तम रुपाला सहित हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, असम, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु और गोवा राज्यों के मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री उपस्थित रहे। वीडियो कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन “आत्मनिर्भर भारत” की एक बड़ी प्राथमिकता देश की कृषि और किसानों को स्वावलंबी बनाना है। कैलाश चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार इस दिशा में कृषि क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाने के साथ-साथ इस काम के लिए जरूरी ढांचागत सुविधाओं का विकास प्राथमिकता के आधार पर कर रही है।
केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत की एक अहम प्राथमिकता है- आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान। इसके लिए हमने किसानों को आधुनिक ढांचागत सुविधा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का कृषि बुनियादी ढांचा कोष बनाया है। कृषि राज्यमंत्री चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदीजी ने कृषि अवसंरचना कोष के तहत एक लाख करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा की शुरूआत की है। यह कोष कृषि-उद्यमियों, स्टार्टअप्स, कृषि क्षेत्र की प्रौद्योगिकी कंपनियों और कटाई बाद फसल प्रबंधन में किसान समूहों की मदद के लिए बनाया गया है।
एफपीओ को बढ़ावा दे रही है केंद्र सरकार :
कृषि क्षेत्र में सुधारों का जिक्र करते हुए कृषि राज्यमंत्री ने कहा कि किसानों के लिये उनके उत्पाद बेचने के मामले में सीमित दायरे को समाप्त किया गया है। अब किसान दुनिया के किसी भी हिस्से में अपना सामान बेच सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को बढ़ावा दे रही है। साथ ही चौधरी ने दोहराया कि कृषि और गैर कृषि उत्पादों के लिये ग्रामीण इलाकों में संकुलों का विकास किया जाएगा। इस कदम से किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद मिलेगी।