हजारीबाग की एक नाबालिग युवती को जबरदस्ती एसिड पिलाये जाने के मामले में सुनवाई के दौरान हजारीबाग एसपी कार्तिक एस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उच्च न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए. हजारीबाग एसपी ने अदालत को बताया कि पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और अभियुक्त का पॉलीग्राफी टेस्ट भी किया जा रहा है.
झारखंड हाइकोर्ट में हजारीबाग में नाबालिग लड़की को एसिड पिलाने के मामले में चीफ जस्टिस व जस्टिस संजय द्विवेदी की अदालत ने सुनवाई के दौरान काफी नाराज़गी जतायी. अदालत ने पुलिस जांच पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि पुलिस की जांच सही दिशा में नहीं है, ऐसा लग रहा है कि यह पूरी जांच अभियुक्त को बचाने के लिए की जा रही है. अदालत ने हजारीबाग एसपी से कहा कि पुलिस जो जांच कर रही है वह सीआरपीसी के तहत हो रही है. लेकिन अभियुक्त के खिलाफ पोक्सो की धाराएं लगी हुई हैं फिर इतने गंभीर मामले में पुलिस कस्टोडियल इंटेरोगेशन क्यों नहीं कर रही है?
इस मामले की सुनवाई झारखंड हाइकोर्ट की डबल बेंच में हुई, डबल बेंच में हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डॉ रवि रंजन एवं जस्टिस संजय द्विवेदी ने सुनवाई की. ज्ञात हो कि झारखंड हाइकोर्ट की अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज के द्वारा हजारीबाग में हुई इस घटना के बाद हाइकोर्ट को पत्र के माध्यम से सूचना दी थी जिस पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए इस मामले की सुनवाई शुरू की थी.