Saturday 21st of September 2024 11:55:58 AM
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सड़कों पर कीलें ठुकवाने और दीवारें खड़ी करने से आवाज़ नहीं दबेगी

झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरावं

रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि किसी भी स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि अहिंसक तरीके से अपनी आवाज उठा रहे लोगों की जुबां बंद करने के लिए सड़कों पर दिवार खड़ी जा रही है, रास्ते में नुकली और बड़े-बड़े कील लगाये जा रहे है। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार प्रजातंत्र को कीलतंत्र में तब्दील कर रही है।

कश्मीरी उग्रवादियों के साथ भी ऐसा व्यवहार नहीं हुआ


प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की शैली है, इनको चुप करा दो, काट दो इनको, उन्हें कुचल दो। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के स्थान की किले बंदी जिस तरह से हो रही है, वह तो कभी कश्मीर घाटी में आतंकवादियों को रोकने के लिए भी नहीं किया गया। किसान और जनता वर्ष 2024 के चुनाव में इसे याद रखेगी।उन्होंने कहा कि सड़कों पर लोहे की कीलें,कंटीले तार एवं सीमेंट की दिवार बनाकर अन्याय के विरुद्ध शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे अन्नदाताओं को अपने ही देश में दुश्मन बनाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। बिजली, पानी, इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी जा रही है,केंद्र सरकार का यह रवैया लोकतंत्र के लिए बेहतर नहीं है।

केंद्र सरकार ने बर्बरता की हद पार की


प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार किसानों से इस बर्बर और अन्यायपूर्ण तरीके से निपटने में जुटी है, वहीं अर्थव्यवस्था की हाल खास्ता है। सरकारी बैंकों से लेकर बंदरगाह तक, सरकारी बीमा कंपनी से लेकर बिजली लाइनों तक, रेलवे के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से लेकर वेयरहाउस तक, बजट में सभी रिफार्म के लिए एक ही उपाय, इसे बेच दें, की नीति पर केंद्र सरकार काम कर रही है।

देश का बजट नहीं, पूंजीपतियों का धनतेरस पर्व

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि केंद्र सरकार सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में विनिवेश कर रही है, लेकिन इसके बावजूद जनता टैक्स और सेस देते-देते परेशान है। भाजपा नेता जिसे राष्ट्रीय बजट कह रहे है, देश की जनता उसे अंबानी-अडाणी और अन्य पूंजीपतियों का धनतेरस पर्व कह रहे है। देश की सीमाएं भी आज सुरक्षित नहीं है, प्रधानमंत्री फोटो-ऑप के लिए उनके साथ दिवाली मनाते है, लेकिन उन्हें जवानों के लिए रक्षा बजट बढ़ाने की जरुरत नहीं महसूस होती है।

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