बोकारो में 25 वर्षीय संतोष पांडेय की पीट-पीटकर हत्या के मामले में झारखंड के मंत्री जगरनाथ महतो के भाई बैजनाथ महतो सहित सात लोगों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज प्रथम राजीव रंजन ने सजा सुनाते हुए सभी पर दस-दस हजार रुपये जुर्माना भी किया है।
बैजनाथ के अलावा जिन लोगों को सजा सुनाई गई है उनमें गणेश भारती, नेमी पूरी, कैलाश पुरी, जितेंद्र पुरी, नीरज पुरी और केवल महतो हैं। सजा सुनाने के बाद सभी को जेल भेज दिया गया। अदालत ने सभी सात लोगों को चार जनवरी को दोषी ठहराया था। तीन अन्य अभियुक्तों सत्येन्द्र गिरी, मेहलाल पुरी एवं सूरज पुरी को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया था।
जनता दरबार में पीटने का आदेश दिया गया
संतोष के बड़े भाई अनंत लाल पांडेय की शिकायत पर नावाडीह थाने में मामला दर्ज किया गया था। उसने कहा कि छोटे भाई संतोष पांडेय को तत्कालीन डुमरी विधायक जगरनाथ महतो ने अपने आवास के सामने जनता दरबार लगाकर पीटने का आदेश दिया था। फिर विधायक के भाई बैजनाथ महतो की अगुवाई में उसके भाई को अमानवीय ढंग से बुरी तरह से पीटा गया था। उस समय डुमरी विधायक स्वयं भी थे। पिटाई से बेहोश हुए भाई को डीवीसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी।
प्रेम करने की सजा मिली थी संतोष पांडेय को
अलारगो निवासी युवक संतोष पांडेय ने सपने में भी नहीं सोचा था कि प्रेम करने की उसे इतनी कठोर सजा मिलेगी। जिस लड़की से उसने प्रेम किया था उसे कुछ दिन पहले तक ट्यूशन पढ़ाया करता था। ट्यूशन पढ़ाने के दौरान ही वह उसे दिल दे बैठा था। संतोष भंडारीदह के आदिवासी शिशु मंदिर में पढ़ाने का भी काम करता था। और साथ-जीने मरने की कसमें लेकर वह अपनी प्रेमिका के कहने पर ही उसके साथ चेन्नई चला गया था। गांव के कई युवक वहां रहते थे। संतोष ने मरने के पूर्व बताया था कि प्रेमिका की जिद पर वह उसे वहां ले गया था। जो लोग लाने के लिए चेन्नई गए थे। उन लोगों ने रास्ते में उसे प्रताड़ित भी किया था। खाना-पानी तक नहीं दिया गया था। उसकी प्रेमिका को गांव पहुंचने के पहले ही उतारकर किसी रिश्तेदार के घर भेज दिया गया था।