सिमरिया:-जमीन के बदले मिलने वाले मुआवजा में प्रति एकड़ दस लाख रुपए की बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर रैयतों ने दूसरे दिन भी एनटीपीसी का काम काज ठप कराए रखा। विस्थापितों को एनटीपीसी फिल्हाल पंद्रह लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा राशि दे रहा है। मगर रैयत पंद्रह के बजाय 25 लाख रुपए प्रति एकड़ की राशि मांग रहे हैं।
प्रति एकड़ दस लाख रुपए की बढ़ोत्तरी की कर रहे मांग
मंगलवार को एनटीपीसी में काम काज ठप कराने की सूचना पाकर सिमरिया एसडीओ सुधीर कुमार दास रैयतों से बात करने टंडवा पहुंचे। पर रैयतों ने उन्हें तरजीह नहीं दी।एसडीओ ने हालांकि रैयतों को भरोसा दिया कि उनकी मांग संबंधित अधिकारियों के पास पहुंचा दी जाएगी।इधर रैयतों की मांग से ऊर्जा मंत्रालय को अवगत कराने के लिए सांसद सुनील सिंह और सिमरिया विधायक दिल्ली कूच कर गए हैं। सांसद का कहना है कि रैयतों के हितों का ख्याल रखा जाएगा।
डंडे और हथियारों से लैस हैं ग्रामीण
बहरहाल रैयत इतने उग्र हैं कि एनटीपीसी के कर्मियों को प्लांट के अंदर दाखिल नहीं होने दे रहे हैं।महिलाएं हसुआ से लैश दिखी।जबकि पुरुष हाथों में डंडा लिए हुए थे।इधर एनटीपीसी के जीएम असीम गोस्वामी का कहना है कि प्लांट बंद होने से उन्हें रोजाना डेढ़ करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है।जितने दिन प्लांट बंद रखा जाएगा, घाटा और बढ़ता जाएगा।