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झारखण्ड की बच्चियों को महानगरों में बेचने वालों के खिलाफ NIA की चार्जशीट

नई दिल्ली स्थित NIA की बिल्डिंग (फाइल)

सुनीता देवी (फिलहाल फरार) , पन्नालाल महतो, गोपाल उरावं और शिवशंकर गंझू…..ये चार नाम झारखंड में मानव तस्करी के सिरमौर हैं । इनका रैकेट झारखंड के लगभग सभी जिलों में फैला है । पन्नालाल और उसकी पत्नी सुनीता देवी दिल्ली में तीन Placement agencies के मालिक हैं । ये बातें शनिवार को NIA द्वारा दाख़िल की गई Supplementary चार्जशीट में लिखी गई है ।

नौकरी के बहाने ले जाकर गरीब घर की लडकियों को महानगरों में बेचता था पन्नालाल

NIA ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि गोपाल उरावं और शिवशंकर गंझू दरअसल पन्नालाल और सुनीता देवी के अंडर काम करते थे । ये झारखंड के पिछड़े इलाकों से गरीब नाबालिग लड़कियों को महानगरों में काम के बहाने ले जाते थे। इन लड़कियों को सैलरी न के बराबर दी जाती थी, उन्हें घर वापस लौटने की इजाजत नहीं थी और विरोध करने पर मारपीट भी की जाती थी । पन्नालाल और उसकी पत्नी सुनीता देवी दिल्ली में Placement Agency के नाम पर मानव तस्करी का धंधा चलाते थे ।

कैसे हुआ मामले का खुलासा?

सबसे पहले 19 जुलाई 2019 को पन्नालाल महतो को खूँटी पुलिस ने मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया । उसके खिलाफ झारखंड के कई जिलों में तथा दिल्ली में तीन-तीन Placement Agency के नाम पर Human Trafficking का आरोप था ।

जून 2020 को इस केस को NIA को सौंप दिया गया । NIA ने अपनी जांच में दिल्ली में पन्नालाल एंड कंपनी के कुल 6 Placement Agency का पता लगाया जिनके माध्यम से मानव तस्करी की जाती थी ।

पुलिस ने अबतक 22 लड़कियों को मुक्त कराया

NIA अधिकारियों ने बताया कि गोपाल उरावं और शिवशंकर गंझू की निशानदेही पर अबतक 22 लड़कियों को दलालों/ग्राहकों के चंगुल से मुक्त कराया गया है । सभी लड़कियां बेहद गरीब परिवारों से हैं । इस मामले की जांच अभी जारी है ।

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