कब तक बाप-दादा के सरनेम के सहारे जीताते रहेंगे रायबरेली के लोग ?
पिछली बार अमेठी के लोगाें ने भगाया, कहीं इस बार रायबरेली न सबक सीखा दे ?
रायबरेली के लोगों का कोई काम हुआ हो तो बताएं
रायबरेली (यूपी) । रायबरेली ही उत्तर प्रदेश में एकमात्र ऐसी सीट है जिस पर कांग्रेस काबिज है । लेकिन, अब यह सीट पार्टी के लिए एक मुसीबत बनकर उभरी है । रायबरेली से कांग्रेस के दो विधायकों- अदिति सिंह और राकेश सिंह ने पार्टी के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है ।
सोनिया गांधी सिर्फ दो बार आई हैं
कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने संसदीय क्षेत्र में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की लंबे समय से गैरमौजूदगी पर सवाल उठाया है । सोनिया गांधी ने वर्ष 2004 में अमेठी सीट छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ने का निर्णय किया था और तब से वह यहां से लगातार जीत दर्ज कर रही हैं । अदिति सिंह ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान सोनिया गांधी यहां केवल दो ही बार आई हैं । 2019 चुनाव से पहले अपना नामांकन दाखिल करने के लिए वह केवल एक बार रायबरेली आई हैं ।
पार्टी में दलालों की पूछ- यूथ कांग्रेस
यूथ कांग्रेस के नेता अनुज कुमार सिंह ने हाल ही में कहा था कि ‘हम पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए वर्षो से इसके लिए काम कर रहे हैं, लेकिन अब हम उपेक्षित और तिरस्कृत किया जा रहा है. इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के दौर के नेताओं के साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा है. पार्टी में अब दलालों का बोलबाला हो गया है जिन्हें कांग्रेस की विचारधारा की जानकारी भी नहीं है ।