कई अफसर खुद जमीन दलाली में हैं शामिल
कुछ पुलिस अफसर जमीन दलालों को देते हैं संरक्षण
जिलों के एसपी से संदिग्ध अफसरों की मांगी गई है सूची
रातू, ओरमांझी, नगड़ी, हटिया, तुपुदाना, कांके और धुर्वा जैसे इलाकों के जमीन दलालों पर खास नजर
उज्ज्वल दुनिया \रांची । राज्य में जमीन दलाली में लगे पुलिस अफसरों की लिस्ट तैयार की जाने लगी है। खुफिया विभाग और सीआईडी से भी इनपुट लिए जा रहे हैं। जमीन के धंधे में लिप्त इन अधिकारियों को राज्य सरकार वीआरएस देगी। सीएम के आदेश के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रत्येक जिले में जमीन दलाली व कारोबार में जुटे पुलिसकर्मियों की लिस्ट तैयार करने का टास्क जिलों के एसपी के साथ-साथ जोनल डीआईजी व आईजी को दी गई है। प्रत्येक जिले के एसपी ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ सूचनाएं व साक्ष्य जुटा रहे हैं जो जमीन कारोबार में संलिप्त हैं। इसके बाद इस संबंध में जोन वाइज लिस्ट तैयार कर इसका प्रस्ताव डीआईजी व जोनल आईजी द्वारा पुलिस मुख्यालय को भेजा जाएगा। इसके बाद संबंधित प्रस्ताव पर साक्ष्यों के आधार पर सख्त कार्रवाई करते हुए पुलिसकर्मियों की वीआरएस की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
लगातार मिल रही जमीन धंधे की सूचना
रांची समेत अन्य जिलों में पुलिसकर्मियों के जमीन कारोबार में जुड़े होने व उसे संरक्षण देने की सूचनाएं मिलती रही हैं। हालांकि जमीन कारोबार में जुड़े पुलिसकर्मियों पर अबतक सरकार या पुलिस मुख्यालय के स्तर से कोई खास कार्रवाई नहीं हो पाई है। पहले भी राज्य पुलिस ने थानावार ऐसी लिस्ट तैयार की थी, जिसमें प्रत्येक थाना क्षेत्र में सक्रिय जमीन दलालों की सूची बनायी गई थी। साथ ही उन्हें संरक्षण देने वाले अधिकारियों को भी चिन्हित किया गया था। तब इस पुलिस की लिस्ट में थानेदार से लेकर आईपीएस अधिकारी तक के नाम सामने आए थे।
एफआईआर के बाद हुए थे बर्खास्त
रांची में जमीन कारोबार में संलिप्त चार पुलिसकर्मियों को पहले भी बर्खास्त किया गया था। इन पुलिसकर्मियों पर जमीन कब्जे के लिए फायरिंग करने का आरोप लगा था, वहीं सदर थाना में इस संबंध में एफआईआर भी दर्ज की गई थी।
जमीन खरीद के विवाद में फंस रहा पुलिस विभाग
जमीन की खरीद में पुलिस विभाग लगातार विवादों में फंस रहा है। कांके थानाक्षेत्र के चामा में पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की पत्नी के नाम पर जमीन की खरीद में गड़बड़ी सामने आ चुकी है। इस जमीन की डील में भी दो आईपीएस अधिकारियों की भूमिका सामने आई है, वहीं पूरे मामले में जिस को-ऑपरेटिव ने जमीन की खरीद की है, उस कॉ ओपरेटिव के अधिकतर सदस्यों का पता फर्जी है। ओरमांझी में भी सीआईडी की गृह निर्माण समिति द्वारा जमीन खरीद में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है।
हिनू-कांके रोड के दलालों को आईजी लेवल के अफसर का संरक्षण
खुफिया विभाग की मानें तो हाल के दिनों में एक आईजी स्तर के अधिकारी की नजदीकियां कुछ जमीन दलालों के साथ लगातार बढ़ रही हैं। इनमें कांके, कांके रोड, हिनू, तुपुदाना जैसे इलाके में काम कर रहे धंधेबाज शामिल हैं। चर्चा तेज है कि अगर गहराई से जांच हो तो इस अधिकारी के निर्देश पर चंदाघासी, तुपूदाना और कांके रोड (हॉटलिप्स) के सामने जमीन की भारी खरीद फरोख्त की गई है।