रांची । छठ पर्व पर हेमंत सरकार की के आदेश पर झारखण्ड संत समाज के संगठन मंत्री स्वामी दिव्यज्ञान ने कड़ी प्रतिक्रिया वक़्त की है । उन्होंने कहा कि, राज्य सरकार का दोहरा चरित्र क्या छठ महापर्व तालाब व्रतियों के जाने पर कोरोना हो जाएगा नियम की धज्जियां उड़ जाएगी? आज से कुछ दिन पूर्व, क्या मुख्यमंत्री खुद अल्पसंख्यक बाबा के मजार पर ज़ब चादर पोशी किए और यह है नियम का पालन डिस्टेंसिंग का मेंटेन करते हुए चादर पोशी किया था? मुख्यमंत्री ने बताएं मुख्यमंत्री जी झारखंड में ये दोहरी नीति क्यों क्या बहुसंख्यक समाज को बिलकुल ही नेस्तो नाबूद करने की कसम खा रखी है मुख़्यमंत्री ने? पूरे लॉकडाउन के समय अज़ान की आवाज पूरी तरह सुनाई देती रही वही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए क्या ये न्यायपूर्ण नहीं था? वे या तो दोनों को अनुमति देते या दोनों को ही अनुमति नहीं देते। अगर ऊर्ज की अनुमति होती है तो छठ पर्व की भी अनुमति होनी चाहिए सोशल डिस्टेंस का पालन का निर्देश के साथ। स्वामी दिव्यज्ञान महाराज ने कहा कि मेरा माननीय मुख्यमंत्री से आग्रह होगा कि छठ व्रतियों को पूजन करवाने की पूरी व्यवस्था करें साथ मे आने वाले लोगों की संख्या को सिमित किया जा सकता है इसमें मुखिया, वार्ड पार्षद, एवं अन्य जनप्रतिनिधयों की अती आवश्य्क बैठक जिला मे जिला अधिकारी एवं अन्य क्षेत्रों मे थाना स्तर पर करवाई जाय ताकी त्वरित निवारण हो।
छठ पर्व को लेकर सरकार का अध्यादेश तुगलकी फरमान
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