Tuesday 17th of June 2025 03:10:18 PM
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केस के नाम डरा थानेदार ने वसूले पचास हजार, एक मोबाईल

चतरा के दागी दारोगा का और कारनामा हुआ उजागर


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आरोपी केस उठाने की दे रहे धमकी, डीआईजी से कार्रवाई की मांग
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उज्जवल दुनिया संवाददाता/ अजय निराला

हजारीबाग। उत्तरी छोटा नागपुर प्रमंडल अंतर्गत चतरा पुलिस के संरक्षण से बौराए दागी दारोगा सचिन कुमार का एक और कुकर्म सामने आया है। इटखोरी के बढ़हीचक के सुबोध सिंह ने गुरुवार को उतरी छोटानागपुर प्रमंडल पुलिस उपमहानिरीक्षक को एक आवेदन देकर इटखोरी के तत्कालीन दागी थानेदार सचिन कुमार पर गंभीर आरोप लगाया है।

सुबोध सिंह ने आवेदन में लिखा है कि 19 अक्टूबर 2020 को सचिन कुमार ने मेरे घर पर हमला करने वाले आरोपियों के नाम डरा कर मेरे ऊपर काउंटर केस नहीं करवाने के नाम एक लाख का मांग किया। मेरे द्वारा यह कहा गया कि आरोपियों ने मेरे घर पर हमला किया, मेरी पत्नी के साथ दुर्व्यवहार किया और मुझ से ही पैसा क्यों मांग रहे हैं। तो थानेदार ने कहा कि पैसा किसी भी कीमत में चाहिए मुझे मोबाईल लेना है। इसके बाद मुझे हजारीबाग साथ ले जाकर सम्राट मोबाईल से वनप्लस मोबाईल अपने नाम पर खरीदवाया। जिसका भुगतान मैंने पेटीएम से किया और नगद पचास हजार रुपया भी ले लिया । इसके बाद भी आरोपियों को बचाने के लिए उनलोगों से मेरे ऊपर केस करवाया गया। मेरे घर पर हमला कर मेरी पत्नी से दुर्व्यवहार करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरोपियों द्वारा मुझे केस उठाने की धमकी दी जा रही है नही तो जान से हाथ धोने को तैयार रहने को कहा जा रहा है। पूरी घटनाक्रम का जिक्र करते हुए दागी दारोगा सचिन कुमार पर कार्रवाई की मांग के साथ न्याय की गुहार डीआईजी से लगाया गया है।

दागी दारोगा को है चतरा एसपी का संरक्षण, डीआईजी को भेजे रिपोर्ट में बचाने की कोशिश

चतरा जिले के वर्तमान थानेदार सचिन कुमार को चतरा एसपी का खुला संरक्षण होना बताया जाता है। इटखोरी थाना क्षेत्र बसे उसके खिलाफ कई गंभीर शिकायतें चतरा एसपी से की गई। लेकिन कोई कार्रवाई नही की गई। सचिन के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों पर हज़ारीबाग़ डीआईजी ने चतरा एसपी से रिपोर्ट की मांग की थी। सूत्र बताते हैं कि सचिन के गुनाहों की बारीकी से पर्दा डाल डीआईजी को रिपोर्ट दिया गया है। हालांकि इस मामले को उजागर होने के बाद लचर विधि-व्यवस्था और नक्सलियों के सामने लाचार दिख रही चतरा पुलिस कि एक बार फिर किरकिरी और नेतृत्त्व पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है ।

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