Friday 22nd of November 2024 08:39:19 AM
HomeBreaking Newsकांग्रेस किसानों की हितैषी होती तो किसानों के समक्ष आत्महत्या की नौबत...

कांग्रेस किसानों की हितैषी होती तो किसानों के समक्ष आत्महत्या की नौबत न आती

किसानों का अपमान,कांग्रेस का फरमान….आदित्य साहू

भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने आज कांग्रेस पार्टी पर कड़ा हमला बोला। आदित्य साहू आज प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों का अपमान, कांग्रेस का फरमान है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आजादी के बाद से ही देश के किसानों का अपमान किया है। कांग्रेस की नीति और नीयत दोनो किसानों के विरुद्ध रही है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी की गलत नीतियों का ही दुष्परिणाम है कि देश मे लाखों किसान आत्महत्या को विवश हुए।

किसानों की कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर ट्रैक्टर रैली का ढोंग

आदित्य साहू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों की कल्याणकारी योजनाओं को बंद करने में विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज किसान हित की बात करते हुए ट्रैक्टर रैली का ढोंग कर रही है।
रैली में किसान गायब है। केवल भाड़े के ट्रेक्टर और कांग्रेस के नेता दिख रहे।सम्मेलन स्थल की कुर्सियां खाली पड़ी है।भाड़े का ट्रैक्टर बैनर लगाकर चिप्स और पत्थर ढोते रहे।

किसानों के लिए सबसे काम मोदी सरकार ने किया

आदित्य साहू ने कहा कि यह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार है जिसने किसानों के सर्वांगीण विकास की चिंता की। 2014 से ही मोदी सरकार ने गांव,गरीब एवम किसान के विकास की योजनाएं लागू की यूरिया को नीम कोटेड बनाकर इसकी काला बाजारी रोकी,स्वामीनाथन कमिटी की अनुशंसा के आलोक में फसलों की लागत से डेढ़ गुणा एमएसपी लागू की,फसल बीमा योजना का विस्तार किया गया,स्वायल हेल्थ कार्ड से मिट्टी की उत्पादन क्षमता का आकलन शुरू हुआ।

किसानों की आय दोगुना करने के लिए संकल्पित

उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने केलिये मोदी सरकार संकल्पित है। किसान सम्मान निधि के माध्यम से किसानों के खाते में प्रति वर्ष 6000रुपये भेजे जा रहे। कोरोना काल मे यह राशि किसानों केलिये संजीवनी बनी।

राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार किसानों की भला नही चाहती। सरकार बनते ही नई योजना तो शुरू की नही उल्टे मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना से मिलने वाली प्रति एकड़ 5हजार की राशि को बंद कर दिया। धान खरीद को गिला धान के नाम पर रोक दिया गया जिसके कारण किसान 1000 …1100 रुपये प्रति क्विंटल बेचने को विवश हुए ।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments