Friday 22nd of November 2024 07:19:37 AM
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अफसरशाही के आगे हेमन्त सरकार का सरेंडर

पेयजल स्वच्छता में फिसड्डी साबित हुई हेमंत सरकार: बिरंची नारायण

भारतीय जनता पार्टी के मुख्य सचेतक एवं विधायक बिरंची नारायण ने पेयजल और स्वच्छता के क्षेत्र में हेमन्त सरकार को फेल, फिसड्डी व नाकाम घोषित करते हुए कहा कि राज्य की जनता पानी के कारण मरणासन्न की स्थिति में है और सरकार प्यासे को पानी पिलाने के बजाय आश्वासन का घूंट दे रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में वादा किया था कि प्रत्येक पंचायत में पांच – पांच चापाकल लगाऊंगा, साल भर बीत जाने के बाद भी एक ही चापाकल नहीं लगा। उन्होंने कहा कि यह सरकार उलटी खोपड़ी की सरकार है, विजन लेस सरकार है। इस सरकार को सिर्फ घोषणा करना आता है, जमीन पर एक भी काम नहीं हुआ।

श्री नारायण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर घर शौचालय और आवास योजना के बाद 2024 तक हर घर नल से जल देने का निश्चय किया है। किंतु हेमंत सरकार की सुस्ती दर्शाता है कि राज्य के लोग पानी के लिए त्राहिमाम करेंगे। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने पेयजल एवं स्वच्छता में एक भी उपलब्धि भरा काम नहीं किया है। रघुवर सरकार में बनी अच्छी नीतियों को इस सरकार ने दरकिनार कर दिया है। 2020 में 572 करोड रुपए जल जीवन मिशन के तहत दिया गया था लेकिन एक भी काम नहीं हुआ। झारखंड में 50 लाख आवास में पीने के लिए पानी की व्यवस्था करना है जबकि सरकार ने 1 वर्षों में 1.98 लाख आवास तक पानी की व्यवस्था की है। इसी गति में कार्य हुआ तो जो काम 5 वर्षों में होना है, उसे पूरा करने में 25 साल लगेंगे।

उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार ने 17 शहरों में 20 हजार करोड़ व ग्रामीण में 5275 हजार करोड़ से 234 ग्रामीण जलापूर्ति योजना शुरू किया था। आज वह सभी योजनाएं बंद है। हेमंत सरकार कोरोना का बहाना लेकर किसी भी मुद्दे पर एक भी काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि गोविंदपुर, साहिबगंज और पांकी.. छतरपुर में तीन बड़ी जलापूर्ति योजना, सुदूर नक्सल प्रभावित इलाके में सौर ऊर्जा के मदद से जलापूर्ति योजना शुरू किया गया किंतु आज वे सभी काम बंद पड़े हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार में शौचालय निर्माण का कार्य भी ठप पड़ा है। सरकार पर अफसरशाही इतनी हावी है कि विभागीय मंत्री के आदेश की भी नही मानती। विभागीय मंत्री को पत्र लिखने की जरूरत पड़ जाती है।इसी से सरकार की कार्यशैली का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

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