
रांची । दिल्ली बॉर्डर की ‘नाकेबंदी’ पर हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर पूछा सवाल, ‘क्या हम अपनों के बीच ऐसे ही रहेंगे ? सीएम हेमंत सोरेन ने पूछा है कि आख़िर अपने ही देश में कितनी सरहदें बनेंगी? किन-किन वर्गों के बीच सरहदें बनेगी? किन-किन समुदायों के बीच सरहदें बनेगी? आख़िरकार देश में ‘अपनो के बीच’ ही सरहदें बनाने का सिलसिला कब तक चलेगा?
कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच कायम गतिरोध टूटने का नाम नहीं ले रहा है. किसान जहां कानूनों को वापस लेने से की मांग कर रहे हैं तो दूसरी ओर सरकार इसके लिए तैयार नहीं है और संशोधन पर जोर दे रही है. किसान संगठनों ने अपने आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए 6 फरवरी को चक्काजाम का ऐलान किया है, ऐसे में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस फूंक-फूंककर कदम उठा रही है. पुलिस ने दिल्ली बॉर्डर की हर तरफ का ‘नाकेबंदी’ कर दी है, नुकीली कीलें, नुकीले तारों, बैरिकेड आदि से दिल्ली को ‘अभेद किला’ बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

किसान आंदोलन पर विदेश से समर्थन आने पर मोदी सरकार ने जारी किया बयान, कहा- ‘बोलने से पहले जानकारी जरूरी है । केंद्र सरकार ने कहा कि इसके पीछे कोशिश यही है कि असामाजिक तत्व फिर से दिल्ली में प्रवेश करके माहौल बिगाड़ने की कोशिश नहीं कर पाएं । हालांकि दिल्ली पुलिस की यह कवायद कई लोगों को पसंद नहीं आ रही है और वे इसे संविधान के तहत दिए गए अभिव्यक्ति के अधिकार का उल्लंघन बता रहे हैं. उनका कहना है कि दिल्ली के बॉर्डर पर इस तरह से नाकेबंदी की गई है मानो यह चीन या पाकिस्तान की सीमा हो. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने दिल्ली की सीमा पर लगाए गए अवरोधकों का फोटो ट्वीट करते हुए कुछ तीखे सवाल किए हैं ।