नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की करें आरती, देवी दूर करेंगे सारे कष्ट
नवरात्रि भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो देवी दुर्गा की पूजा और आराधना के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार चैत्र और अश्विन मास में मनाया जाता है, लेकिन चैत्र नवरात्रि को अधिक महत्व दिया जाता है। इस नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा और आरती की जाती है।
मां ब्रह्मचारिणी देवी दुर्गा की दूसरी स्वरूप हैं। वे तपस्विनी और ब्रह्मचारिणी रूप में प्रसिद्ध हैं। इनका नाम ब्रह्मचारिणी क्योंकि वे ब्रह्मचर्य का पालन करती हैं, यानी विवाहित नहीं होती हैं। इनका ध्यान करने से शक्ति और सामर्थ्य की प्राप्ति होती है और सभी कष्ट दूर होते हैं।
ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा के दौरान आरती का आयोजन किया जाता है। आरती को आदित्य की ओर घूमाते हुए की जाती है और देवी की महिमा का गान किया जाता है। यह आरती कष्टों को दूर करने और जीवन में सुख और समृद्धि को आमंत्रित करने का एक अद्वितीय तरीका है।
ब्रह्मचारिणी आरती के लिए सामग्री
ब्रह्मचारिणी आरती के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- दीपक
- घी
- बत्ती
- कपूर
- धूप
- अगरबत्ती
- फूल
- पुष्पांजलि
- चौकी
- आरती की थाली
ब्रह्मचारिणी आरती का आयोजन
ब्रह्मचारिणी आरती का आयोजन निम्नलिखित तरीके से किया जाता है:
- पहले, आरती की थाली को सजाया जाता है। थाली पर दीपक, घी, बत्ती, कपूर, धूप, अगरबत्ती, फूल और पुष्पांजलि रखी जाती है।
- फिर, चौकी पर थाली रखी जाती है और उसे देवी के सामने स्थापित किया जाता है।
- आरती की बातों को गाते हुए थाली को घूमाया जाता है।
- इसके बाद, आरती की थाली को देवी के चरणों में रखा जाता है और आरती की दीपक जलाया जाता है।
- अंत में, पुष्पांजलि देवी के चरणों में चढ़ाई जाती है और आरती की थाली को उठाया जाता है।
आरती के मंत्र
ब्रह्मचारिणी आरती के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का जाप किया जाता है:
“या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥”
“वन्दे वाञ्छितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां ब्रह्मचारिणीम्॥”
इन मंत्रों का जाप करने से आरती का महत्व और प्रभाव बढ़ता है और देवी की कृपा प्राप्त होती है।
इस प्रकार, ब्रह्मचारिणी आरती का आयोजन किया जाता है और इसके द्वारा सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के इस महान अवसर पर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा और आरती करके हम अपने जीवन में खुशहाली और समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं।