लैंसेट की नई रिपोर्ट में उजागर हुई है. जिसमें ये आकलन किया गया है कि अगले पचास साल में दुनिया की आबादी कम होने लगेगी ।

इस समय दुनिया की आबादी 7.8 अरब मानी जा रही है । ये रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2064 तक दुनिया की आबादी और बढ़कर 9.7 अरब हो जाएगी लेकिन इसके बाद ये गिरने लगेगी । वर्ष 2100 में दुनिया की आबादी को गिरकर 8.79 अरब हो जाना चाहिए ।
23 देशों की आबादी में पचास फीसदी तक गिरावट होगी
2064 आने में अभी 53 साल बाकी हैं लेकिन ये पक्का है यही वो समय होगा कि जब दुनिया की आबादी का ये उच्चतम बिंदू होगा फि ।आबादी कम होने की कई वजहें होंगी । जिसमें कम जन्म दर और बुढ़ी होती बहुसंख्य आबादी शामिल है । कम से कम 23 देशों में ऐसा होगा, जिसमें जापान, थाईलैंड, स्पेन, पुर्तगाल, साउथ कोरिया और दूसरे देश रहेंगे, जिनकी आबादी में 50 फीसदी तक की गिरावट आ जाएगी ।
भारत में आबादी घटकर कितनी रह जाएगी
अध्ययन बताता है कि भारत में भी आबादी घटने लगेगी । फिलहाल 1.4 अरब के पास है, जो 2100 तक गिरकर 1.09 अरब होगी । दुनिया में पिछली बार जब आबादी में कमी आई थी, वो समय 14वीं सदी का था । उसकी वजह प्लेग था । इंस्टीट्यूट फार हेल्थ मीट्रि एंड इवैल्यूवेशन के ग्लोबल हेल्थ के प्रोफेसर स्टेन एमिल वॉलसेट का कहना है कि अगर हमारा अनुमान सही तो आबादी गिरने की वजह प्रजनन क्षमता में आई कमी होगी, कोई महामारी नहीं ।
क्यों होगा ऐसा
रिपोर्ट कहती है कि गर्ल एजुकेशन और बेहतर होने से गर्भ रोकने के तरीके बढ़ेंगे और इससे प्रजनन क्षमता और आबादी दोनों घटेगी ।व 2017 में प्रजनन क्षमता की दर 2.37 थी जो 2100 में 1.6 रह जाएगी ।