पटना: महिला कर्मचारियों की सुरक्षा, यात्रा कठिनाइयों और आवासीय जरूरतों को देखते हुए बिहार सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्यभर में महिला कर्मचारियों को उनके कार्यस्थल के पास किराए का आवास मुहैया कराया जाएगा।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा तैयार की गई इस नीति को मंजूरी दी गई है। शुरुआत में यह सुविधा प्रमंडलीय और जिला मुख्यालयों में लागू होगी।
कैबिनेट सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) एस. सिद्धार्थ ने बताया, “राज्य सरकार महिला कर्मचारियों को कार्यस्थल के नजदीक सुरक्षित आवास उपलब्ध कराने के लिए पूरे राज्य में Expression of Interest (EoI) निकालेगी, जिसमें मकान मालिक आवेदन दे सकेंगे। अनुविभागीय पदाधिकारी (SDO) सरकारी नियमों के अनुसार किराया तय करेंगे।”
🏢 जांच और प्रक्रिया
जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि और भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों की समिति बनाई जाएगी जो इन मकानों की जांच करेगी। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि आवास महिलाओं के लिए सुरक्षित हों और उनमें पानी, शौचालय और बिजली की सुविधा हो।
स्वीकृति के बाद मकान महिला कर्मचारियों को आवंटित किए जाएंगे। सरकार मकान मालिकों से लीज एग्रीमेंट करेगी और किराया सरकार द्वारा दिया जाएगा। कर्मचारी को HRA (मकान किराया भत्ता) या यह सुविधा—इन दोनों में से किसी एक का विकल्प चुनना होगा।
👩🏫 शिक्षा विभाग से लेकर स्वास्थ्य और पुलिस तक
यह नीति सभी राज्य सरकार की महिला अधिकारी व कर्मचारी पर लागू होगी। हालांकि सरकार के पास महिला कर्मचारियों की सटीक संख्या नहीं है, पर शिक्षा विभाग सबसे बड़ा नियोक्ता है, जिसमें करीब 3 लाख महिला शिक्षक हैं। इसके अलावा, पुलिस, स्वास्थ्य और अन्य विभागों में भी लाखों महिलाएं कार्यरत हैं।
नीतीश सरकार द्वारा हाल के वर्षों में बड़े पैमाने पर नियुक्तियां की गई हैं, जिससे दूसरे राज्यों से भी महिलाएं बिहार में नौकरी करने आई हैं। ऐसे में उनके आवास और सुरक्षा को लेकर शिकायतें बढ़ीं। कई महिलाएं असुरक्षा के चलते अपने कार्यस्थल से दूर रहने को मजबूर हो गईं, जिससे यात्रा और उपस्थिति संबंधी समस्याएं उत्पन्न हुईं।
नई नीति से महिला कर्मचारियों को न केवल सुरक्षा मिलेगी, बल्कि कार्यस्थलों पर उनकी उपस्थिति और सुविधा में भी सुधार होगा।