रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर जैसे ही झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और कार्यकारी अध्यक्ष गीता कोड़ा, बंधु तिर्की, जलेश्वर महतो आदि उतरे, वैसे ही साफ हो गया कि ये किसका शक्ति प्रदर्शन है । एयरपोर्ट पर सबसे ज्यादा वैसे कांग्रेसियो का जमावड़ा था जो रामेश्वर उरावं के कार्यकाल के दौरान हाशिए पर धकेल दिए गये थे।
बंधु तिर्की ने अपने समर्थकों के जरिए शक्ति प्रदर्शन किया
एयरपोर्ट पर सबसे अधिक भीड़ बंधु तिर्की के समर्थकों की दिखी । इनमें ईसाई आदिवासियों की संख्या सबसे अधिक थी । हो सकता है कि रांची से सटे मांडर के विधायक होने के चलते बंधु तिर्की के समर्थक ज्यादा पहुंचे हों । लेकिन कांग्रेस भवन में स्वागत के बाद जिस तरह बंधु तिर्की सीधे आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो से मुलाकात कर आशीर्वाद लेने पहुंचे, उससे बिल्कुल साा हो गया कि वो किन लोगों का प्रतिनिधित्व करेंगे ।
मंत्रियों और बड़े नेताओं की गैर-मौजूदगी को लेकर चर्चा
झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और उनकी टीम के स्वागत में कांग्रेस कोटे के सिर्फ एक मंत्री बादल पत्रलेख पहुंचे, बाकी तीन का न आना चर्चा का विषय रहा । इसके अलावा कांग्रेस के 18 में से 12 विधायकों ने भी इस पूरे कार्यक्रम से दूरी बनाकर रखी । क्या ये राजेश ठाकुर एंड टीम के समक्ष आने वाली मुश्किलों का इशारा था ?
सुखदेव भगत, अजय कुमार, सुबोधकांत की तिकड़ी इज बैक
बहुत दिनों बाद कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार दिखे । वे पूरे जोश में समर्थकों से नारे लगवा रहे थे । कांग्रेस मुख्यालय आने से पहले अजय कुमार सुखदेव भगत के साथ बिल्कुल रिलेक्स मूड में दिखे ।
एक बात और जो गौर करने वाली है, वो ये कि राजेश ठाकुर ने दिल्ली में मल्लिकार्जुन खड़गे और तारिक अनवर के अलावा जिस तीसरे नेता से मुलाक़ात की थी, वो हैं सुबोधकांत सहाय। रामेश्वर उरावं के प्रदेश अध्यक्ष रहते सुबोधकांत सहाय ने भी बहुत कठिन दिन देखें हैं। आज कांग्रेस मुख्यालय में सुबोधकांत के समर्थक भी बहुत बड़ी संख्या में मौजूद थे। तो क्या ये मान लिया जाय कि सुखदेव भगत-अजय कुमार और सुबोधकांत सहाय दोबारा लाइमलाइट में आ गए हैं?