नई दिल्ली: दिल्ली जल्द ही 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति के युग में प्रवेश कर सकता है। दक्षिण दिल्ली के किलोकरी क्षेत्र में देश की पहली वाणिज्यिक रूप से स्वीकृत स्टैंडअलोन बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) के निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हुए दिल्ली के ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने यह जानकारी दी।
BSES और IndiGrid के सहयोग से बनाए जा रहे इस प्रोजेक्ट में 20 से 40 मेगावाट-घंटे बिजली स्टोर और सप्लाई करने की क्षमता होगी। यह प्रणाली न केवल बिजली की मांग को संतुलित करने में मदद करेगी, बल्कि नवीकरणीय ऊर्जा को ग्रिड में जोड़ने और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार की गई है।
यह सिस्टम प्रतिदिन चार घंटे बिजली आपूर्ति कर सकेगा और इससे लगभग एक लाख दिल्लीवासियों को सीधा लाभ मिलेगा। इस परियोजना को GEAPP और TERI के सहयोग से विकसित किया जा रहा है और इसे पूरे भारत में नवाचार का मॉडल माना जा रहा है।
बिजली मंत्री ने बताया कि यह प्रणाली दिल्ली के BSES राजधानी पावर लिमिटेड के 33kV सब-स्टेशन पर स्थापित की जा रही है और इसके शुरू होते ही दिल्ली के कई इलाकों में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
इसके अलावा, दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (DERC) ने इस सिस्टम से मिलने वाली बिजली का टैरिफ 55% तक घटा दिया है, जिससे उपभोक्ताओं को सस्ती और टिकाऊ बिजली उपलब्ध होगी।
आशीष सूद ने कहा, “यह प्रोजेक्ट दिखाता है कि हरित ऊर्जा के माध्यम से टिकाऊ समाधान संभव और व्यावहारिक हैं। हमारा लक्ष्य है कि दिल्ली को 24 घंटे बिजली मिले, और भविष्य में सब्सिडी भी जारी रखी जाएगी।”