नई दिल्ली: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि दिल्ली की जनता को अपनी गलती का अहसास हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के सत्ता में आते ही राजधानी में लंबे-लंबे पावर कट शुरू हो गए हैं, जिससे आम जनता परेशान हो रही है।
आतिशी ने कहा कि 8 फरवरी को चुनाव परिणाम के तुरंत बाद ही बीजेपी ने दिल्ली सचिवालय और मंत्रियों के दफ्तरों को सील करवा दिया था ताकि आम आदमी पार्टी के मंत्री वहां प्रवेश न कर सकें। उन्होंने दावा किया कि अब जनता को समझ आ गया है कि उसने गलत निर्णय ले लिया है।
बिजली संकट पर बीजेपी को घेरा
प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी ने कहा, “दिल्ली में पिछले तीन दिनों से लगातार बिजली कटौती हो रही है। 9 फरवरी को सैनिक एन्क्लेव गार्डन में चार घंटे तक पावर कट रहा, 12 फरवरी को उत्तमनगर में रातभर बिजली नहीं थी। ऐसे सैकड़ों उदाहरण हैं जहां लोग बिजली कंपनियों से शिकायत कर रहे हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार बिजली व्यवस्था को मॉनिटर कर रही थी, लेकिन अब तीन दिन में ही पावर सेक्टर का संतुलन बिगड़ गया है। उन्होंने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल सरकार दिन-रात बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही थी, लेकिन बीजेपी के आते ही यह संकट गहरा गया है।
दिल्ली को यूपी बनाने का आरोप
आतिशी ने आगे कहा कि बीजेपी ने सत्ता संभालते ही दिल्ली को उत्तर प्रदेश बनाने की कोशिश शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, “दिल्ली की जनता ने 24 घंटे बिजली की आदत डाल ली थी, लेकिन अब वह भी खतरे में है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो जल्द ही दिल्ली में भी यूपी जैसे हालात हो जाएंगे।”
क्या कह रही है बीजेपी?
भाजपा नेताओं ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बिजली कटौती किसी सरकार की वजह से नहीं, बल्कि तकनीकी कारणों से होती है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी हार स्वीकार नहीं कर पा रही है, इसलिए झूठे आरोप लगा रही है।
हालांकि, बिजली संकट और नई सरकार को लेकर दिल्ली की जनता की प्रतिक्रिया आने वाले दिनों में तय करेगी कि यह केवल आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति है या हकीकत में दिल्ली को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है।