उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार को धाराली गांव में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। खीर गंगा नदी के कैचमेंट एरिया में हुए इस बादल फटने से धाराली और उसके आसपास के क्षेत्र में तेज बहाव के साथ आई बाढ़ ने कई घर, होटल और ढांचे बहा दिए। अब तक कम से कम 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 10-12 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
उत्तरकाशी ज़िलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि घटनास्थल पर सेना और NDRF की टीम को भेजा गया है। भारतीय सेना की 150 सदस्यीय टीम ने 10 मिनट में स्थल पर पहुंच कर राहत कार्य शुरू कर दिया। अब तक 15-20 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है और घायलों को हर्षिल स्थित मेडिकल सेंटर में प्राथमिक उपचार दिया गया है।
IAF (भारतीय वायुसेना) ने चंडीगढ़, सरसावा और बरेली एयरबेस से हेलीकॉप्टर्स स्टैंडबाय पर रखे हैं, जिनमें चिनूक, Mi-17V5 और ALH शामिल हैं, लेकिन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में खराब मौसम के चलते हवाई राहत अभियान प्रभावित हुआ है।
आईटीबीपी (Indo-Tibetan Border Police) ने 37 ग्रामीणों को बचाया है, जिनमें 22 पुरुष, 11 महिलाएं और 4 बच्चे शामिल हैं। सभी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और प्राथमिक उपचार दिया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपदा संचालन केंद्र देहरादून में स्थिति की समीक्षा की और सभी संबंधित एजेंसियों को राहत और बचाव कार्य तेज़ करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही तीन IAS अधिकारियों को उत्तरकाशी में नियुक्त किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेताओं ने इस त्रासदी पर दुख जताया है और तेजी से राहत कार्य करने की अपील की है। इस आपदा ने फिर से जलवायु परिवर्तन और पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ते प्राकृतिक खतरों पर चिंतन को मजबूर कर दिया है।