वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि यूक्रेन की रक्षा के लिए अमेरिका सैनिक नहीं भेजेगा। उन्होंने कहा कि यूक्रेन का नाटो में शामिल होना और 2014 में रूस द्वारा कब्जाए गए क्रीमिया को वापस पाना “असंभव” है।
सोमवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के बीच घंटों चली वार्ता में रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के रास्तों पर चर्चा हुई। शुरुआत में ट्रंप ने अमेरिकी सैनिकों को यूरोपीय शांति मिशन में शामिल करने की संभावना से इनकार नहीं किया था, लेकिन मंगलवार को Fox News पर दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा—
“आपको मेरी गारंटी है, और मैं राष्ट्रपति हूं। अमेरिकी सैनिक जमीन पर नहीं उतरेंगे।”
व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लीविट ने भी दोहराया कि किसी भी शांति मिशन में अमेरिकी सैनिक शामिल नहीं होंगे।
ट्रंप ने यह भी कहा कि वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ज़ेलेंस्की के बीच सीधे वार्ता की व्यवस्था कर रहे हैं। हालांकि, क्रेमलिन की ओर से अब तक ऐसी किसी बैठक की पुष्टि नहीं की गई है।
उन्होंने दावा किया कि पुतिन “थक चुके हैं” और आने वाले हफ्तों में उनकी रणनीति साफ हो जाएगी। ट्रंप का मानना है कि शांति समझौते की संभावनाएँ मौजूद हैं, लेकिन इसके लिए यूक्रेन को नाटो सदस्यता और क्रीमिया वापस पाने की उम्मीद छोड़नी होगी।

