Thursday 3rd of July 2025 02:44:31 PM
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सुनील तिवारी मामले की जल्द सुनवाई के लिए हाइकोर्ट से आग्रह, कोर्ट ने भी दिया आश्वासन

उनके परिजन कहां है? इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई- चैता बेदिया
उनके परिजन कहां है? इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई- चैता बेदिया

सुनील तिवारी मामले को लेकर चैता बेदिया ने झारखण्ड हाइकोर्ट में हेबियस कॉपर्स याचिका दायर की है। अब चैता बेदिया की ओर से अदालत से मामले की शीघ्र सुनवाई का आग्रह किया गया है। चैता बेदिया की दलील है कि उनके परिजन को अज्ञात स्थान पर रखा गया है, और मामले की जल्द सुनवाई न होने पर वो वापस अपने घर नहीं लौट सकतीं। इसके साथ ही चैता बेदिया ने सुनील तिवारी पर कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लड़की की जान को खतरा बताया है। अदालत ने भी मामले की शीघ्र सुनवाई का आश्वासन दिया है।

गिरफ्तार किए गए परिजन को अदालत में पेश किया जाय

इस प्रकरण में रांची अनगड़ा निवासी चैता बेदिया द्वारा दायर हेबियस कॉपर्स याचिका की शीघ्र सुनवाई के लिए झारखंड हाई कोर्ट से आग्रह किया गया । याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत में मेंशन स्लिप दायर कर याचिका की शीघ्र सुनवाई के लिए तारीख मुकर्रर करने की प्रार्थना की । याचिका के माध्यम से अदालत से गुहार लगाई है कि उनके परिजन की रिहाई हो और मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए उनके परिजन को अदालत में पेश किया जाए ।

पुलिस जबरदस्ती मेरे परिजनों को सुनील तिवारी पर केस करने के लिए दबाव बना रही है- चैता बेदिया

समानचैता बेदिया ने याचिका के माध्यम से अदालत को जानकारी दी है कि पुलिस ने उनके पिता, बहन, पत्नी और बच्चे को गिरफ्तार कर लिया है । उसकी सूचना उन्हें नहीं दी जा रही है कि क्यों उन्हें गिरफ्तार किया गया है ? कहां पर रखा गया है ? कई दिन बीत गए हैं लेकिन पुलिस ने ना तो उन्हें रिहा किया है और ना ही किसी अदालत में पेश किया है । उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस उनके परिवार पर सुनील तिवारी के ऊपर केस करने का दबाव बना रहा है ।

15 अगस्त को चैता बेदिया को मिली मामले की जानकारी

बेदिया ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि कुछ पुलिसकर्मी उनके घर पहुंचे और उनके पिता शिवाली बेदिया, बहन पुष्पमनी, पत्नी सुपोती देवी और उसके दो बच्चे को जबरन साथ ले गए हैं । उन्होंने याचिका के माध्यम से अदालत को यह जानकारी भी दी है कि उन्होंने ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराई है कि पुलिस उनके परिजनों को जबरन उठाकर ले गई है और प्राथमिकी दर्ज करने का दबाव बनाया जा रहा है । जिस समय पुलिस उनके घर पहुंची उस समय वह घर में नहीं थे । वह किसी काम से 14 अगस्त को गिरिडीह गए हुए थे । 15 अगस्त को उन्हें पुलिस के आने और परिजनों को ले जाने की सूचना मिली । उनके परिजन कहां है? इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई है ।

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