पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि मोदी मंत्रिमंडल में सभी समाज के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया । लेकिन कायस्त समाज के किसी भी नेता को मोदी ने इस काबिल नहीं समझा कि उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सके…ये पूरे देश के कायस्त समाज का अपमान है । समाज के लोग सड़क पर उतर्कर इसका विरोध करेंगे ।
पढ़े-लिखे समाज का अपमान कर रहे हैं मोदी
सुबोधकांत सहाय ने कहा कि कायस्थ समाज पढ़ा-लिखा है। वो अपनी मांग सभ्य तरीके से रखता है, लेकिन कुछ लोगों ने इसे कमजोरी समझ रखा है। पहले मोदी ने यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा को किनारे लगाया, फिर यशवंत सिन्हा के बेटे को मंत्रिमंडल से निकाला। अब हालत ये है कि कायस्थ समाज का एक भी मंत्री मोदी मंत्रिमंडल में नहीं है। रविशंकर प्रसाद को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। बिहार-झारखंड ही नहीं, पूरे देश का कायस्थ समाज इससे खुद को अपमानित महसूस कर रहा है ।
जल्द ही समाज के गणमान्य लोगों से मिलकर आगे की रणनीति तय होगी
सुबोधकान्त सहाय ने कहा कि वे बिहार-झारखंड के कायस्थ समाज के गणमान्य लोगों से मिलेंगे। इसके बाद राजनीति में कायस्थ समाज के घटते प्रतिनिधित्व को लेकर चर्चा कर वे आगे की रणनीति तय करेंगे। सुबोधकान्त सहाय ने कहा कि जल्द ही पूरे देश का कायस्थ समाज सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा।
देश की प्रगति में कायस्थ समाज का अहम योगदान
सुबोधकान्त सहाय ने कहा कि भारतीय राजनीति का इतिहास देखेंगे तो कायस्थ समाज की भागीदारी देश की आजादी से लेकर राष्ट्र के पुनर्निर्माण तक रही है । देश के पहले राष्ट्रपति हमारे समाज से ही मिले थे । हमारे समाज से लाल बहादुर शास्त्री, जय प्रकाश नारायण, अन्ना दुरई, बीजू पटनायक, ज्योति बसु, केबी सहाय, बाला साहब ठाकरे जैसी विभूतियों के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता । पिछले कुछ वर्षों में कायस्थ समाज ने यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा, रविशंकर प्रसाद व आरके सिन्हा जैसे नेता देश को दिये । इन सब के बावजूद वर्तमान सरकार ने हमारे समाज को नज़रअंदाज किया है और हमारी राजनीतिक भागीदारी ख़त्म करने का प्रयास किया है ।