लंदन: ब्रिटिश सरकार ने गुरुवार को बताया कि उसके सीमा बल अधिकारियों ने उन प्रवासियों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया है, जो खतरनाक छोटी नावों के ज़रिए अवैध रूप से ब्रिटेन की सीमाओं में प्रवेश कर रहे हैं। यह कार्रवाई एक नए ब्रिटेन-फ्रांस वापसी समझौते के तहत की जा रही है, जो अब प्रभावी हो गया है।
गृह कार्यालय (Home Office) ने कहा कि “वन इन, वन आउट” नामक इस पायलट योजना के तहत बुधवार दोपहर से हिरासत की कार्रवाई शुरू की गई है। गिरफ्तार किए गए प्रवासियों को निर्वासन केंद्रों में भेजा गया है, जहां से उन्हें फ्रांस वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी।
इस नई संधि के अंतर्गत, ब्रिटेन तीन दिनों के भीतर फ्रांस को मामला सौंपेगा और फ्रांसीसी अधिकारियों को 14 दिनों के भीतर प्रतिक्रिया देनी होगी। इसके बाद प्रत्यावर्तन की अगली प्रक्रिया चालू की जाएगी।
गृह सचिव यवेट कूपर ने कहा,
“कल, इस ऐतिहासिक नई संधि के तहत, चैनल पार कर ब्रिटेन पहुंचे पहले समूह को वेस्टर्न जेट फॉइल पर उतरते ही हिरासत में लिया गया। अब उन्हें फ्रांस लौटने तक हिरासत में रखा जाएगा।”
उन्होंने कहा,
“यह उन सभी प्रवासियों के लिए एक कड़ा संदेश है, जो संगठित अपराधियों को पैसे देकर यूके जाने की योजना बना रहे हैं – यह न केवल जान का जोखिम है, बल्कि पैसे की भी बर्बादी है।”
गृह सचिव ने कहा कि यह कदम तस्करी गिरोहों के झूठे वादों और उनके आपराधिक व्यापार मॉडल को तोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
“यह योजना अभी अपने शुरुआती चरण में है, लेकिन हम उस दिशा में बढ़ रहे हैं जिसे अब तक कोई सरकार नहीं कर पाई – अवैध रूप से आई नावों को फ्रांस वापस भेजना और अपनी सीमाओं को मजबूत करना,” कूपर ने आगे जोड़ा।
साथ ही, फ्रांसीसी सीमा अधिकारियों ने एक पारस्परिक प्रक्रिया भी शुरू की है, जिसके तहत इच्छुक प्रवासी यूके आने के लिए “रुचि आवेदन” (Expression of Interest) जमा कर सकते हैं। इन आवेदकों को पासपोर्ट या पहचान पत्र और हालिया फोटो अपलोड करनी होगी। चयनित व्यक्तियों को सुरक्षा जांच और बायोमेट्रिक सत्यापन से भी गुजरना होगा।
गृह कार्यालय ने कहा कि इस पायलट योजना के कार्यान्वयन के साथ ही उत्तर फ्रांस और अन्य क्षेत्रों में प्रवासियों को इस नई संधि के बारे में जानकारी दी जा रही है।
“हम जल्द ही एक कड़ी चेतावनी वाली मीडिया मुहिम शुरू करेंगे, जिससे यह संदेश पहुंचे कि जीवन और पैसा जोखिम में डालकर नाव से यूके आने का कोई लाभ नहीं है,” विभाग ने कहा।
यूके और फ्रांस की सरकारें इस समझौते की शुरुआत में ही इसे लगातार समीक्षा के अधीन रखेंगी, ताकि शुरुआती समस्याओं से निपटा जा सके और प्रत्यावर्तन की प्रक्रिया को तेज किया जा सके।
ब्रिटेन सरकार ने कहा कि यह कदम उसके व्यापक आव्रजन प्रवर्तन कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश में बढ़ती प्रवासी संख्या को नियंत्रित करना है।

