सचिन वाझे सिर्फ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के चलते पुलिस डिपार्टमेंट में वापस आया है। वह शिवसेना में भी उद्धव ठाकरे की मर्जी से ही शामिल हुआ है। सचिन वाझे सिर्फ मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह को रिपोर्ट करता था और परमवीर सिंह सीधे सीएम उद्धव ठाकरे को। इन तीनों के बीच कोई नहीं आता था। ये सनसनीखेज खुलासा किया है महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी सांसद नारायण राणे ने….
नारायण राणे ने पूछा है कि उद्धव ठाकरे जैसा बड़ा नेता एक ASI की सिफारिश क्यों करेगा, वो भी सीधे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से ? आखिर ऐसा क्यों है कि शिवसेना का नेता रहा सचिन वाझे सीधे इंटेलिजेंस यूनिट का चीफ बना दिया गया ? क्या ASI के पद पर काम करने वाले किसी व्यक्ति को इंटेलिजेंस यूनिट का चीफ बनाते हैं क्या ? इसके लिए जरुरी योग्यता है कम से कम इंस्पेक्टर रैंक है । नारायण राणे ने कहा कि “सचिन वाजे का गॉडफादर मुख्यमंत्री है, उनको इस्तीफा देना चाहिए, सीट पर एक दिन भी नहीं रहना चाहिए”
शुक्रवार को शिवसेना के अखबार सामना में लेख लिखकर कहा गया है कि सचिन वाजे का गॉडफादर कोई नहीं है। इसपर नारायण राणे ने कहा कि सामना अखबार उद्धव ठाकरे का है और संजय राउत का काम उद्धव ठाकरे को बचाना है, गलत हो तो भी वे उद्धव ठाकरे को बचाते हैं। सामना शिवसेना का मुखपत्र है और शिवसेना सांसद संजय राउत उसके संपादक हैं।