पुलिस और वन विभाग के मिलीभगत से चल रहा था अवैध माइका खदान, चाल धंसने से दो मजदूर की दर्दनाक मौत,

शव लेकर भाग रहे थे माफिया, मजदूरों ने रोका

अमीत सहाय

गिरिडीह जिले के गावां थाना क्षेत्र के पालमो जंगल स्थित मुड़गड़वा अवैध माइका खदान में चाल धंसने से दो लोगों की मौत सोमवार को हो गयी। अवैध रूप से संचालित खदान में चाल धंसने से दो मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि महिला समेत चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद माइका माफियाओं ने शव को ठिकाने लगाने के लिए वाहन पर ले जाकर भागने लगा। इसपर वहां काम कर रहे अन्य मजदूरों ने विरोध करते हुए शव को घटना स्थल पर ही रखने का मांग करने लगा। जहां घटना स्थल से कुछ दूर पर माफियाओं ने शव को पत्ते से झांप कर भाग गए।

घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। मृतक तिसरी थाना क्षेत्र के रंगामाटी निवासी शुक्रर हांसदा पिता रेवत हांसदा उम्र 35 वर्ष, सोउना हांसदा पिता बुधन हांसदा उम्र 30 वर्ष का रहने वाला था। वहीं घायलों की पहचाना रंगामाटी निवासी ढूनू हांसदा पिता पूरन हांसदा उम्र 16, ननकी देवी पति होपन हांसदा उम्र 32 वर्ष, चदगो निवासी गुलो राय उम्र 45, आरती देवी पिता बदरी यादव के रूप में हुई है। इन घायलों की इलाज किसी निजी अस्पताल में चल रहा है। जिसमें एक व्यक्ति की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।

पुलिस और वन विभाग के मिलीभगत से चलता है अवैध खदान बता दें कि गावां थाना क्षेत्र के मुड़गड़वा पहाड़ियों में दर्जनों से अधिक बड़े बड़े अवैध माइका खदान संचालित हैं और इन माइंस में प्रतिदिन दर्जनों से अधिक जेसीबी मशीन, ट्रेक्टर व हजारों की संख्या में महिला, बच्चे व बुजुर्ग कार्य करते हैं। इन अवैध संचालित माइका खदानों में जिलेटिन का प्रयोग लगातार किया जाता है जिससे कई बार बड़ी अनहोनी हो जाती है। उक्त खदान संचालकों पर पुलिस और वन विभाग का संरक्षण प्राप्त रहता है। जिससे दिन और रात के उजाले में अवैध माइका का अवैध उत्खनन कर बाहर भेजा जाता है। 

डीएसपी और एसडीएम ने घटना स्थल का लिया जायजा। घटना की सूचना के बाद मौके पर एसडीएम धीरेंद्र कुमार सिंह, डीएसपी मुकेश कुमार महतो व इंस्पेक्टर परमेश्वर लियांगी सदलबल के साथ स्थल पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली। उन्होंने अन्य मजदूरों से घटना के संबंध में पूछताछ की और घायलों की जानकारी ली। उन्होंने खदान संचालक पर एफआईआर दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

कहा कि इस घटना में जो भी लोग संलिप्त होंगे उसे बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए थानेदार और वन विभाग को निर्देशित किया गया है। घटना के दौरान 40 से 50 मजदूर कर रहे थे काम। घटना के दौरान अवैध माइका खदान में 40 से 50 मजदूर काम कर रहे थे। सभी मजदूर एक पहाड़ के नीचे माइका कोड रहे थे। इसी दौरान पहाड़ का एक चाल धंस गया। धंसने के दौरान कुछ मजदूर इधर उधर भागने के चक्कर में दब गए। इसपर आनन फानन में अन्य मजदूरों ने सबल और लोहा के उपकरण से सभी को बाहर निकाला जहां दो मजदूरों की मौत हो गई। जिसके बाद महिला समेत चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

वैसे घटना के दौरान हैरान करने वाली यह बात भी सामने आई कि खदान में अधिकांश 14 से 15 साल उम्र के बाल मजदूर ही माइका खदान में घुसे थे। स्थानीय लोगों ने कहा कि खदान धंसने के वक्त पर गांवा रेंजर अनिल कुमार को जानकारी दे दी गई थी। इसके बाद भी वो घटना से इनकार करते रहे। वैसे गांवा में बड़े पैमाने पर माइका का अवैध उत्खनन की शिकायत जिला खनन विभाग को मिलती रही है. इसके बाद भी कार्रवाई नहीं होना, कई सवाल खड़े करता है।

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