
झारखंड में कार्यरत एक गैर सरकारी संस्था खुशी रेनबो होम में पिछले दिनों दो आदिवासी बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना हुई। यह संस्था पूर्व अधिकारी हर्ष मंदर की संस्था सेंट्रल फॉर इक्विटी स्टडीज के द्वारा संचालित की जा रही है। संस्था के लोगों को इस घटना की जानकारी होने के बावजूद इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी गयी, बल्कि इस घटना को छिपाने का प्रयास भी किया गया। झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में आयी यूपीए सरकार में आदिवासी बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है। यह भी चिंता का सबब है। ये बाते पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को लिखी चिट्ठी मे कही है ।
सोनिया गांधी के सलाहकार परिषद में थे हर्ष मंदर
रघुवर दास ने लिखा है कि हर्ष मंदर केंद्र की यूपीए सरकार में सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य रह चुके हैं। उनका इतिहास काफी विवादपूर्ण रहा है। देश विरोधी गतिविधियों में शामिल संस्थानों के साथ उनका जुड़ाव जगजाहिर है। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के मामले में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही है, जिस मामले में दिल्ली पुलिस जांच कर रही है।
पहले भी हर्ष मंदर की संस्था पर लगे हैं बच्चो के यौन उत्पीड़न के आरोप

जमशेदपुर। ।रघुवर दास ने आरोप लगाए हैं कि हर्ष मंदर की संस्था उम्मीद अमन घर एवं खुशी रेनबो होम में पहले भी बाल यौन उत्पीड़न की शिकायतें आती रही हैं। झारखंड में अभी यूपीए सरकार है। प्रभावशाली व्यक्ति की संस्था होने के कारण इस मामले को दबाने का प्रयास किया गया। रघुवर दास ने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के कठिन प्रयास से यहां मामला दर्ज हो पाया है। इस मामले में राज्य सरकार द्वारा जांच कराये जाने पर न्याय की उम्मीद काफी कम है।