वॉशिंगटन: वैश्विक बाज़ार में भारी गिरावट और निवेशकों की बेचैनी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को दुनिया के अधिकांश देशों पर लगाए गए टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया, लेकिन चीन पर आयात टैक्स बढ़ाकर 125% कर दिया। यह कदम व्यापक व्यापार युद्ध को चीन और अमेरिका के बीच केंद्रित करने का प्रयास माना जा रहा है।
S&P 500 में 9.5% की उछाल इस घोषणा के तुरंत बाद देखी गई, लेकिन प्रशासन का कहना है कि अब देश-दर-देश बातचीत की प्रक्रिया शुरू होगी। इस बीच, जिन देशों पर फिलहाल रोक लगाई गई है, उन पर अब केवल 10% शुल्क लगाया जाएगा।
ट्रंप का बयान:
ट्रंप ने Truth Social पर कहा, “75 से अधिक देशों ने अमेरिका से व्यापार वार्ता की अपील की है और प्रतिशोध नहीं किया है, इसलिए मैंने 90 दिन की PAUSE और 10% का कम रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने की अनुमति दी है।”
बाद में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने वैश्विक शुल्क इसलिए हटाए क्योंकि लोग “यिप्पी” और “डरे हुए” थे—जाहिर तौर पर शेयर बाजार में गिरावट से।
वित्तीय दबाव:
बॉन्ड मार्केट में गिरावट, बढ़ती ब्याज दरें, और निवेशकों की घबराहट ने प्रशासन पर दबाव बढ़ा दिया। ट्रंप ने खुद कहा, “बॉन्ड मार्केट बहुत ट्रिकी है… लेकिन अब देखो, सुंदर है।”
विरोधाभासी बयान:
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ट्रेज़री सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा कि यह रणनीति पहले से थी और यह फैसला “अन्य देशों के संपर्क” के कारण लिया गया।
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लेकिन ट्रंप ने स्वयं यह स्वीकारा कि यह निर्णय “सुबह जल्दी आया,” और पहले विचार में नहीं था।
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वाणिज्य सचिव हावर्ड लटनिक ने तो यहां तक कहा कि यह बाज़ार के दबाव से नहीं बल्कि कूटनीतिक आग्रहों के कारण हुआ।
टैरिफ विवरण:
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10% टैरिफ: अधिकतर देशों के लिए, पहले 20-25% था (EU, जापान, दक्षिण कोरिया)।
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125% टैरिफ: केवल चीन पर प्रभावी।
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25% तक का शुल्क: कनाडा और मेक्सिको पर जारी रहेगा, फेंटानिल तस्करी को रोकने की आड़ में।
व्यवसायों की प्रतिक्रिया:
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डेल्टा एयरलाइंस के CEO एड बैस्टियन ने कहा कि ट्रंप का प्रशासन इस बार रणनीतिक नहीं दिख रहा।
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ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के विश्लेषक जॉन कैनावन ने कहा कि “व्यापार युद्ध से बचना और बातचीत का रास्ता चुनना ही फिलहाल सबसे सुरक्षित रास्ता था।”
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हेज फंड अरबपति बिल एकमैन ने ट्रंप की इस रणनीति को “Textbook, Art of the Deal” कहा।
वैश्विक चेतावनी:
विश्व व्यापार संगठन (WTO) की प्रमुख एंज़ी ओकोंजो-इवेला ने चेतावनी दी कि यदि अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध जारी रहता है, तो वैश्विक व्यापार में भू-राजनीतिक आधार पर विखंडन हो सकता है।