व्हाइट हाउस के भीतर क्या हुआ, जो दुनिया को नहीं पता?
वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक सनसनीखेज खुलासा किया कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने उन्हें पत्र लिखकर बताया है कि वह रूस के साथ शांति वार्ता के लिए पूरी तरह तैयार हैं। यही नहीं, ज़ेलेंस्की ने अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण खनिजों (मिनरल्स) को लेकर एक समझौते को भी हरी झंडी दिखा दी है, जिससे अमेरिका को यूक्रेन के दुर्लभ खनिज भंडार तक सीधी पहुंच मिल सकेगी।
यह बयान तब आया जब पिछले हफ्ते व्हाइट हाउस में हुई उच्च-स्तरीय बैठक में राष्ट्रपति ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच अप्रत्याशित रूप से तनाव पैदा हो गया था। उस समय यह डील लगभग अंतिम चरण में थी, लेकिन फिर अचानक बातचीत टूट गई।
व्हाइट हाउस का विस्फोट – ज़ेलेंस्की, ट्रंप और वीपी वांस के बीच क्या हुआ?
सूत्रों के अनुसार, पिछले शुक्रवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में एक तीखी बहस छिड़ गई, जब उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने यूक्रेन के लिए किसी भी प्रकार की अंतरराष्ट्रीय शांति सेना की संभावना को खारिज कर दिया।
“यूक्रेन की सुरक्षा के लिए 20,000 सैनिक भेजने से बेहतर है कि हम आर्थिक गठजोड़ को मजबूत करें,” वांस ने फॉक्स न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा।
उन्होंने आगे कहा, “यह सोचना मूर्खता है कि किसी यादृच्छिक देश की सेनाएं रूस को रोक सकती हैं।” हालांकि, उनके इस बयान को ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से नकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, जिन्हें ‘यादृच्छिक देश’ समझने पर नाराजगी हुई।
अमेरिका-यूक्रेन मिनरल्स डील – क्या यही नया खेल है?
इस डील को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही हैं। यूक्रेन में टाइटेनियम, लिथियम और मैंगनीज जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के विशाल भंडार मौजूद हैं, जो अमेरिकी एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिक वाहन और चिकित्सा निर्माण क्षेत्र के लिए बेहद आवश्यक हैं।
व्हाइट हाउस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस डील के बदले अमेरिका ने यूक्रेन को समर्थन जारी रखने का संकेत दिया था।
हालांकि, जब शुक्रवार को ज़ेलेंस्की और ट्रंप के बीच गर्मागर्म बहस हुई, तो डील अधर में लटक गई। अब, ज़ेलेंस्की द्वारा लिखा गया यह पत्र संकेत दे रहा है कि वह इस समझौते को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
ब्रिटेन-फ्रांस की नाराजगी – वांस के बयान से नया विवाद
ब्रिटेन और फ्रांस के नेताओं ने वांस के ‘यादृच्छिक देश’ वाले बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों दोनों ने यूक्रेन में एक अंतरराष्ट्रीय शांति सेना भेजने की वकालत की थी।
ब्रिटेन के लिबरल डेमोक्रेट रक्षा प्रवक्ता हेलेन मैगुइरे ने वांस से माफी मांगने की अपील की। उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान और इराक में ब्रिटिश सैनिकों ने अमेरिका के साथ कंधे से कंधा मिलाकर युद्ध लड़ा। इस इतिहास को मिटाने की कोई कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
वहीं, फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नु ने संसद में कहा, “अच्छी बात है कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने बाद में अपने शब्दों को सुधारा।”
व्हाइट हाउस के ‘सीक्रेट प्लान’ की गूंज – क्या अमेरिका और रूस के बीच कोई अघोषित समझौता हो रहा है?
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप प्रशासन यूक्रेन को सीधे सैन्य समर्थन देने के बजाय एक आर्थिक गठबंधन को प्राथमिकता देने की रणनीति बना रहा है।
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह मिनरल्स डील वास्तव में शांति का मार्ग प्रशस्त करेगी या इसके पीछे कुछ और बड़ा खेल चल रहा है?
व्हाइट हाउस की दीवारों के पीछे जो हुआ, वह अब तक जनता के सामने पूरी तरह उजागर नहीं हुआ है। लेकिन एक बात स्पष्ट है – यूक्रेन, रूस और अमेरिका के बीच एक बड़ा राज़ छुपा है, और जब यह खुलेगा, तो पूरी दुनिया चौंक जाएगी।